एक जंगल में काफी बहुत आदमखोर शेर रहा करता था। वह जंगल के जानवरों को बेवजह मार कर के खाया करता था। कभी-कभी वह इतने जानवरों को मार देता कि उन्हें वह खा भी नहीं पाता था। शेर की इस बर्बरता से पूरे जंगल के जानवर परेशान हो गए थे।
एक दिन की बात है– सारे जंगल के जानवर इकट्ठा हुए और शेर की इस बर्बरता से निपटने के लिए उन्होंने एक उपाय बनाया।
सारे जानवर मिलकर शेर के पास गए और शेर से बोले – “महाराज आप इस जंगल के राजा हैं! मगर आप हम छोटे मोटे जानवरों को बेवजह ही मार डाला करते हैं। इसलिए हम लोगों ने एक उपाय बनाया है। आप अपनी गुफा में रहिए। हम में से रोज एक जानवर आपके पास आपका भोजन बनकर जाएगा। शेर सभी जानवरों की बात को मान गया।
अब रोज एक जानवर शेर की गुफा में उसका भोजन बन कर जाया करता था। इस तरह से शेर भी आराम से गुफा में बैठकर उनको खाया करता था।
एक दिन की बात है.. एक खरगोश की बारी आ गई मगर वह शेर का भोजन नहीं बनना चाहता था। इसलिए वह खरगोश मन ही मन एक उपाय बनाया और शेर के पास थोड़ा लेट पहुंचा।
शेर भूख के मारे तिलमिलाते हुए बोला– “कहां मर गए थे! अभी तक क्यों आए नहीं! इतना देरी से क्यों आ रहे हो?”
शेर की बात सुनकर खरगोश ने बड़े ही विनम्र शब्दों में कहा– ” महाराज रास्ते में मुझे एक दूसरा शेर मिल गया था! जो मुझे खाने की फिराक में था! मगर मैंने कहा कि मैं आप का शिकार हूं, तो उस शेर ने कहा इस जंगल का महाराजा मैं हूं। अगर तुम्हारे राजा में इतना दम है तो मुझसे आकर मुकाबला करें।”
खरगोश की यह बातें सुनकर शेर गुस्से से लाल पीला होने लगा उसने कहा कि उसका पता बताओ मैं उसे अभी मार डालूंगा।
खरगोश उस शेर को पास के एक कुएं के पास ले गया और कहा– ” महाराज इसी कुएं में वह शेर रहता है!”
शेर जब उस कुएं में झांक कर देखा तो उसे अपनी परछाई दिखाई दी। उसे लगा कि वास्तव में कुए के अंदर कोई शेर है। उस कुएं के अंदर के शेर को मारने के लिए वह तेजी से कुएं के अंदर छलांग लगा दिया मगर यह क्या? वह शेर कुएं की दीवार से टकराकर पानी में गिर गया और पानी में डूब कर मर गया।
जंगल के जानवरों को जब इसकी खबर लगी तो वह चतुर खरगोश की प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे । अब जंगल में सारे जानवर हंसी खुशी से रहने लगे थे क्योंकि उन्हें बेवजह मारने वाला शेर अब मारा जा चुका था।