बहुत समय पहले की बात है एक राजा के दरबार में एक बहुत ही ईमानदार और चालाक महामंत्री रहा करता था। एक समय जब राज्य में वर्षा नहीं हो रही थी तब वह महामंत्री राजा से एक महीने की छुट्टी लेकर अपने गांव चला गया। महामंत्री के अपने गांव जाने के बाद राजा कोई भी काम आसानी से नहीं कर पाता था।

धीरे-धीरे एक महीना बीत गया मगर महामंत्री का कोई पता नहीं था। राजा को इस बात से चिंता होने लगी और उसने अपने कुछ सैनिकों को महामंत्री के गांव उसका खबर लेने के लिए भेजा। मगर महामंत्री गांव में भी नहीं मिला। अब राजा को और चिंता होने लगी।

धीरे-धीरे दो महीने बीत गए । एक दिन अचानक वह महामंत्री दरबार में हाजिर हुआ। राजा ने पूछा-” तुमने तो एक महीने का ही छुट्टी लिया था, मगर दो महीने बाद क्यों आ रहे हो?”
तब महामंत्री ने जवाब दिया- “महाराज! मैं एक जादूगर से जादू सीख रहा था। जिसकी वजह से मुझे आने में देर हो गई।”

महामंत्री की यह बात सुनकर राज दरबार में उपस्थित सभी लोग हंसने लगे। महामंत्री ने कहा-” महाराज! मैं आपको सबूत के साथ अपनी कला को दिखा सकता हूं!”

राजा ने कहा-” ठीक है दिखाओ! मै भी जरा देखूं तुम्हारी जादूगरी!”

महामंत्री ने कहा-” महाराज! आपने जो दस नहरों को बनवाने का आदेश दिया था, उसमें से मैं जादू से पांच नहरों को गायब कर सकता हूं!”

राजा ने कहा-” ठीक है! गायब करके दिखाओ!”

मंत्री ने आंख बंद करके कुछ फुसफुसाया और कहा-” महाराज! आप निरीक्षण करके देख लीजिए, आपको अब सिर्फ पांच ही नगर मिलेंगे।”

जब राजा निरीक्षण करने गया तब उसे पांच ही नहर मिला। यह देखकर राजा बहुत क्रोधित हुआ। राजा समझ चुका था जिस मंत्री को उसने नहर का काम दिया था, उसने घोटाला करके सिर्फ पांच नारों का ही निर्माण करवाया और बाकी पांच नारों का पैसा जप्त कर दिया।

राजा ने उस मंत्री को दो साल कैद की सजा सुनाई और अपने महामंत्री जी चतुराई और समझदारी से इस भ्रष्टाचार का पता लगाने के लिए बहुत सारे उपहार दिए।

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