एक नगर में एक आदमी घूम घूम कर आम बेच रहा था। आम बेचने वाला आदमी बहुत ही ज्यादा ईमानदार और चालाक भी था। आम बेचकर जब वह अपने घर की तरफ जा रहा था, तो रास्ते में उसने एक पान की दुकान देखी। उसने सोचा कि चलो पान खाते हुए घर चलते हैं। वह पान की दुकान पर गया और दुकानदार से बोला– “भैया!! मुझे एक पान खिला दो !!”
पान वाले ने आम वाले आदमी से कहा–” मैं तुम्हें पान दे दे रहा हूं इसके बदले तुम मुझे पैसा ना दे कर आम दे दो!”
आम बेचने वाला आदमी मान गया। पान बेचने वाला आदमी बहुत ही बड़ा बेईमान था। उसने आम वाले के साथ धोखा करने का सोचा। उसने एक छोटा सा पान बना कर उस आम वाले व्यक्ति को दे दिया। आम वाले व्यक्ति ने उस पान के दुकानदार से चूना मांगा तो पान के दुकानदार ने कहा –”अरे भाई!! इस पान को किसी सफेद दीवाल पर रगड़ दो अपने आप चूना लग जाएगा।”
अब आम बेचने वाले व्यक्ति को पान वाले की नियत का पता लग गया था। उसने पान वाले को कच्चा हरा आम दे दिया। पान वाले ने कहा –”भैया !! मुझे पका पीला आम दो!”
तुरंत आम वाले व्यक्ति ने उस पान की दुकान वाले व्यक्ति से कहा–” कच्चे हरे आम को किसी पीले रंग वाले दीवाल से रगड़ दो ,कच्चा आम पक कर पीला हो जाएगा।”
इस प्रकार आम वाले व्यक्ति ने पान वाले व्यक्ति के साथ वैसा ही किया जैसा कि उसने किया था। दोस्तों इसी को कहा जाता है जैसे को तैसा ही मिलता है।
Marvless