एक जंगल में मोनू और सोनू नाम के दो गिद्ध रहा करते थे। दोनों अच्छे मित्र थे। कहने को तो मोनू और सोनू दोनों अच्छे मित्र थे लेकिन एक दिन दोनों में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए बहुत ही ज्यादा झगड़ा होने लगा।

दोनों अपने आप को एक दूसरे से ज्यादा श्रेष्ठ दिखाने की कोशिश करने लगे। अपने आप को श्रेष्ठ दिखाने के लिए उन्होंने तय किया कि जो तय चुनौती को पहले पार कर लेगा, वही सबसे ज्यादा श्रेष्ठ होगा।

मोनू और सोनू गिद्ध ने चुनौती यह रखी की “जो अपनी चोंच में एक भरा हुआ थैला लेकर सबसे ज्यादा ऊपर उड़ेगा, वही ज्यादा श्रेष्ठ होगा।”

सोनू गिद्ध अपने आप को बहुत ही ज्यादा चालाक समझता था। उसने अपने थैले में रुई और मोनू के थैले में नमक भर दिया।

अब दोनों गिद्धों ने उड़ान भरी। सोनू के थैली में रुई होने के कारण उसका वजन कम था और वह आसमान की ऊंचाइयों की तरफ तेजी से जाने लगा।

वही मोनू गिद्ध के थैले में नमक होने के कारण उसका वजन बहुत ज्यादा था जिसके कारण वह तेजी से ऊंचाई पर नहीं जा पा रहा था । दोनो गिद्ध को उड़े हुए अभी कुछ ही देर हुए थे कि अचानक मौसम खराब हुआ और बारिश शुरू हो गई। क्योंकि सोनू ने अपने थैले में रुई भरा था, जिसके कारण बारिश की बूंदों को रुई सोखने लगा और उसका वजन बहुत ही ज्यादा बढ़ गया। वह अब ऊपर जाने की जगह नीचे आने लगा।

जबकि मोनू जिसके थैले में नमक भरा था, बारिश का पानी पड़ने से नमक गलने लगा, जिससे उसका वजन कम होने लगा और वह तेजी से ऊपर जाने लगा।

इस तरह से मोनू सबसे ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान भरने में सफल हो गया और वह चुनौती जीत करके सबसे श्रेष्ठ हो गया । जबकि सोनू अपनी चालाकी की वजह से अपने ही जाल में फंस कर हार गया।

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