1.वफादार नेवला
एक गांव में एक किसान अपनी पत्नी और नन्हे बच्चों के साथ रहता था ,1 दिन काम के बाद जब किसान अपने घर लौट रहा था तब वह अपने साथ एक छोटा सा नेवला घर ले आया उसने अपने पत्नी से कहा हमारे बच्चे के साथ हम इस नेवले को भी पा लेंगे 1 दिन किसान की पत्नी अपने बच्चे को सुला कर बाजार जाना चाहती थी लेकिन अपने बच्चे को नेवले के पास अकेला नहीं छोड़ते जाना चाहती थी तो वह अपने पति को छोड़कर बाजार चली गई
वह बाजार से फल और सब्जियां लेकर घर आ गई उसने देखा कि आंगन में नेवला बैठा हुआ था उसने नेवले के मुंह में खून को देखकर चिल्लाई और उसने सोचा कि नेवले ने उसके बच्चे को मार डाला और उसने अपनी पूरी ताकत से नेवले को मारा और अंदर बच्चे को देखने चली गई अंदर बच्चा चैन से सो रहा था बिस्तर के नीचे एक सांप लथपथ पड़ा पड़ा था तब जाकर उसे समझ में आया ने ने ने सांप को मारकर बच्चे को बचाया है वह नेवले के पास में और कहा तुम ने सांप को मारकर मेरे बच्चे को बचाया है लेकिन नेवला उठ नहीं सका क्योंकि वह मर चुका थाके सामने झुक कर रोने लगी
2. चार दोस्त
एक सुंदर जंगल में चार दोस्त रहते थे एक हिरण और एक कछुआ एक कौआ और एक चूहा वे हमेशा एक दूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताते थे और वह हमेशा एक आम के पेड़ के नीचे मिलते । रोज की तरह सभी आम के पेड़ के पास जमा हुए लेकिन हिरण नहीं आया सभी बहुत दुखी हुए ,कछुए ने कौए से हिरण को ढूंढने के लिए कहा और कौआ हिरण की खोज में निकल पड़ा सभी जगह ढूंढने के बाद उसने देखा कि हिरण एक शिकारी के जाल में फंसा हुआ था वह मदद के लिए चिल्ला रहा था
कौआ तुरंत अपने दोस्तों के पास गया और उन्हें जाकर बताया किरण जाल में फस गया है हिरण के जाल को काटने के लिए उन्होंने अपने दोस्त चूहे को भेजा कौए ने चूहे को अपनी पीठ पर बिठाकर उड़ा और कछुआ उनके पीछे आया तो वहां जल्दी चूहे ने अपने दांतों से जाल को काटने लगा और हिरण आजाद हो गया लेकिन उसी वक्त वहां पर शिकारी आ गया एक ही क्षण में कौआ पेड़ पर जा बैठा चूहा पेड़ के पीछे जाकर छिप गया हिरण दूर भाग गया लेकिन कछुआ तेज दौड़ नहीं सका और शिकारी ने कछुए को थैली में डाल दिया
अब अपने दोस्त को खतरे से बचाने के लिए फिर उनको एक उपाय सोचा वह जाकर शिकारी की पथ पर खड़ा हुआ शिकारी ने हिरण को देखते ही उसने टहलने को नीचे गिरा दिया और हिरण के पीछे भागने लगा चूहा आकर थैले को अपने दांतों से काट कर कछुए को बाहर निकाल दिया हिरण तेज दौड़ कर शिकारी से बचकर भाग निकला
3. राजा और बंदर
एक राजा का अंगरक्षक एक बंदर था वह बंदर राजा का बड़ा ही भक्त था । राजा उस बंदर पर बड़ा ही विश्वास करता था । राजा का एक विश्वासपात्र होने के कारण वह बिना किसी रोक-टोक के राज महल में आया जाया करता था । वह राजा की बड़ी सेवा करता था 1 दिन राजा आराम कर रहा था और बंदर राजा की पंखे से हवा कर रहा था उसी दौरान एक मक्खी बार-बार आकर राजा के आसपास घूमने लगी ।
बंदर मक्खी को बार-बार उड़ाता पर मक्खी बार-बार राजा के ऊपर आकर बैठ जाती तभी बंदर को मक्खी उड़ाने का एक उपाय तुझा । वह तलवार लेकर आया और को देखने लगा मक्खी राजा की नाक पर आकर बैठ गई तभी बंदर ने जो उससे पर वार किया मक्खी तो उड़ गई परंतु राजा तलवार से घायल हो गया और उसकी नाक कट गई । इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मूर्ख लोगों से कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए|
यह कहानी गोकुल जी ने लिखा है