एक राज्य में एक बहुत ही प्रतापी राजा राज्य करता था। उसका राज्य बहुत ही बड़ा था। उस राजा के राज्य में प्रजा बहुत ही खुशहाल रहा करती थी।

राजा धीरे-धीरे बूढ़ा हो चला था उसके 3 पुत्र थे । राजा को अपने राज्य के लिए एक बेहतर उत्तराधिकारी की तलाश थी। वह पुरानी रीति-रिवाजों को नहीं निभाना चाहता था, जिसमें सबसे बड़े बेटे को राजगद्दी पर बिठाया जाता था । वह चाहता था कि उसका सबसे ज्यादा काबिल एवं योग्य बेटा ही उसकी राजगद्दी पर बैठे, जो प्रजा की भलाईयों और उनके दुख दर्द को समझ सके।

इसी सोच के साथ राजा ने एक दिन अपने तीनों बेटों की उत्तराधिकारी के लिए परीक्षा कराई। राजा ने अपने बेटों को तीन तीन सोने का सिक्का देकर कहा ” इन तीन सोने के सिक्कों से ऐसी चीज खरीद कर लाओ जिससे पूरा महल भर जाए!!” यह आदेश देकर राजा ने तीनों पुत्रों को तीन दिशाओं में भेज दिया।

बड़े बेटे ने सोचा कि 3 सिक्के में क्या आएगा? राजगद्दी तो उसे ही मिलेगा क्युकी वह सबसे बड़ा है यही सोचकर उसने उन तीनों सिखों का कुछ सामान खरीदा और खा पीकर के मस्त हो गया।

दूसरे बेटे ने सोचा कि इस शहर में नगर में सबसे सस्ता भूसा ही मिल सकता है उसने भूसा खरीद कर महाल में भर दिया। मगर तब भी महल पूरी तरह से नहीं भरा।

तीसरे बेटे ने 1 दिन तक सोचा बिचारा। वह वाकई में कुछ ऐसा करना चाहता था, जिससे उसके पिता यानी राजा की उम्मीद पूरी हो सके। उसके मन में एक बहुत ही अच्छा उपाय आया। और उसने कुछ मोमबत्तियां खरीदी और उसे महल में ले जाकर के जला दिया। पूरा माहौल उजाले से भर गया।

राजा अपने सबसे छोटे एवं तीसरे बेटे की बुद्धिमत्ता से प्रसन्न होकर उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published.