एक बार की बात है.. एक गांव में दो बकरियां रहती थी। दोनों साथ साथ रहती और साथ-साथ ही खाना खाती थी। मगर एक दिन खाने को लेकर उनके बीच में झगड़ा होने लगा।
झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया कि दोनों ने एक दूसरे को चोट पहुंचाना चालू कर दिया। देखते ही देखते दोनों के शरीर से खून निकलने लगा मगर फिर भी वे नहीं रुकी और झगड़ा किए जा रही थी।
उनके इस झगड़े को एक सियार देख रहा था। सियार को काफी भूख लगी थी और वह इन दोनों बकरियों को खाना चाहता था। क्योंकि दोनों बकरियां आपस में लड़ रही थी, इस मौके का फायदा उठाकर सियार धीरे-धीरे उसके पास जाने लगा और अचानक ही उन दोनों पर हमला कर दिया।
दोनों बकरियों ने अपने ऊपर हमले को देखते हुए अपने झगड़े को छोड़ कर के उस सियार के ऊपर झपट गई और उस सियार को पटक-पटक कर खूब मारने लगी। दोनों बकरियों ने मिलकर उस सियार को इतना मारा कि उसके प्राण पखेरू उड़ गए।
अब दोनों बकरियां आपस में लड़ना बंद कर दी। अब उन्हें पता चल गया था कि अगर वे आगे झगड़ा करेंगी तो उनके झगड़े का फायदा उठाकर कोई जंगली जानवर उनको मारकर खा जाएगा। इसलिए दोनों ने अपना झगड़ा बंद कर दिया और कभी नहीं झगड़ा करने का वादा किया।
दोस्तों इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है जब हमारे ऊपर संकट आए तो हमें आपसी मतभेद को भूलाकर उस संकट से एकजुट होकर निपटना चाहिए। क्योंकि एकता में बहुत ही ज्यादा शक्ति होती है।