हम सब लोग जानते है की ठण्ड के मौसम में अकेले रहना बहुत ही मुश्किल काम होता है । आज की कहानी आप लोगो को बहुत ही अच्छी लगेगी , बात उन दिनों की है जब ठण्ड बहुत जायदा पद रहा था । सब लोग अपने बंद कमरों में आराम से सो रहे थे , लेकिन उसी ठण्ड में एक बूढ़ी माँ अपने बेटे के साथ एक फटी चादर में काँप रही थी । उसके पास एक ही चादर था और वो उसका बेटा ही उसे यूज़ करता था , एक दिन की बात है उसका बेटा पूछा माँ कब हम लोग की गरीबी दूर होगी ? क्या हम लोग ऐसी ही रहेंगे ?
अपने बेटे की इस तरह की बात सुनकर वह बूढ़ी माँ ने बोला नहीं बेटा एक दिन जब तुम बड़े हो जावोगे तो ढेर सारा पैसा कमाना और हम सब लोगो की गरीबी दूर हो जाएगी । अपनी माँ की इस बात को सुनकर उसका बेटा बहुत ही खुश हो गया और फिर अपने काम में लग गया ।बूढ़ी माँ अपने बेटे को पालने के लिए एक सेठ के यहाँ पर नौकरी करती थी , समय बीतता गया और एक दिन उस बूढ़ी माँ ने अपने सेठ से एक चादर मांगा । सेठ बहुत ही अच्छा था , उसने तुरंत एक चादर मँगा कर दे दिया , चादर पाकर बूढ़ी माँ बहुत ही खुश थी और बोली एक दिन मैं जरूर इस चादर की कीमत चुकाऊँगी । कुछ टाइम बाद बूढ़ी माँ का लड़का बड़ा हो गया और उसने काम करना बंद कर दिया , कुछ समय बाद उसी सेठ के यहाँ इसके बेटे की नौकरी लग गयी , लेकिन बूढ़ी माँ को पता नहीं था ।
लड़का बहुत अच्छा काम करता था , उसके काम को देख कर सेठ जी ने उसको एक चादर देने की बात कही । सेठ जी की यह बात सुनकर लड़का बोला , सेठ जी मैं यह चादर अपनी माँ के हाथो से ही लेना चाहता हूँ । सेठ जी ने कहा ठीक है , अगले दिन लड़का और सेठ जी उसके घर पर जा पहुंचे । सेठ को देखते ही उसकी माँ पहचान गयी और जब सेठ ने बूढ़ी माँ को चदर दिया तो बूढ़ी माँ ने कहा सेठ जी मैं यह चादर नहीं लुंगी । सेठ जी ने पूछ क्यों ?