ज्योतिशास्त्र के अनुसार नीलम रत्न को बहुत सोच –  समझकर धारण करना चाहिए, क्योंकि यह फलित न होने पर राजा को रंक बना देता हैं | इस रत्न उन्ही लोगो को धारण करना चाहिए जिसकी कुंडली में शनि दोष होते है, यह रत्न शनिदेव को समर्पित हैं | इस रत्न की खास बात यह है कि हर कोई व्यक्ति इसे धारण नहीं कर सकता, यह रत्न जितना शुभ फल देता है उतना अशुभ फल भी देता हैं |
जहाँ आप लोगों ने हाथों की उंगलियों में बहुत से रत्न को पहने देखा होगा, उसी रत्न में से नीलम रत्न का बहुत महत्व बताया गया हैं | इसे नीलमणी के नाम से जाना जाता है, अगर यदि आप ज्योतिष की सलाह पर नीलम रत्न को धारण करते हैं तो इसके कई सकारात्मक परिणाम अपने जीवन में देख सकते हैं |
आइये जानते हैं, नीलम रत्न धारण करने के लाभ –
• नीलम रत्न धारण करने से शनि ग्रह की दशा व साढ़ेसाती से होने वाली समस्या से राहत मिलता हैं | यह रत्न शनि ग्रह का रत्न है, इसे धारण करने वाले हर व्यक्ति पर शनि की कृपा बनी रहती हैं |
• नीलम रत्न धारण करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है | साथ ही पति – पत्नी के सम्बन्ध मजबूत होते है, और करियर में तरक्की मिलती हैं |
• नीलम रत्न यह व्यक्ति में आत्म – सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ता है मन में गहरे विचार आते है, और मन शांत रहता हैं | जिन लोगों को हर बात की जल्दी रहती है, तथा धैर्य में कमी बनी रहती है ऐसे व्यक्ति को नीलम पहनने से मन शान्त और धैर्य करने की क्षमता उत्पन्न होती हैं |

• नीलम रत्न सदा ही पंचधातु या सोने की अंगूठी में धारण करना चाहिए | पुरुष इसे दाहिने उँगली में व महिला बाएं हाथ की उंगली में इसे धारण कर सकते हैं | 

• नीलम रत्न की अंगूठी को प्राण प्रतिष्ठा से सबसे पहले पंचामृत व गंगाजल, केसर, दूध, घी, शहद से बने घोल में डाल कर आप इसे शुद्ध करके धारण कर सकते हैं |

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