एक बार की बात है… किसानों से नाराज होकर देवताओं के राजा इंद्र ने एलान किया कि अब धरती पर 5 वर्षों तक वर्षा नहीं होगी। अतः उन्होंने किसानों से कहा – हे धरती के किसानों!! अब धरती पर पांच वर्षों तक खेती नहीं कर पाएंगे क्योंकि मैं वर्षा नहीं होने दूंगा।
यह सुनकर सारे किसान बहुत ही दुखी हो गए और उन्होंने इंद्रदेव से हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे। मगर इंद्रदेव नहीं माने। उन्होंने एक कहा- “अगर भगवान शिव अपना डमरु बजा देंगे, तो 5 वर्ष से पहले ही वर्षा हो जाएगी।”
किसानों को उपाय बताने के बाद इंद्रदेव ने भगवान शिव के पास भी एक सूचना भिजवा कर उन्हें आगाह कर दिया कि वे 5 वर्षों तक अपना डमरु ना बजाएं और किसान कितना भी प्रेयर प्रार्थना करें, उनकी ना सुने।
इस तरह से जब किसान भगवान शिव के पास पहुंचे और उनसे डमरु बजाने के लिए प्रार्थना करने लगे तो भगवान शिव ने कहा कि अब डमरु 5 वर्ष से पहले नहीं बजेगा। भगवान शिव के मुंह से इस तरह की बातों को सुनकर किसान बहुत ही उदास हो गए और उन्होंने एकजुट होकर 5 वर्षों तक खेती ना करने का निर्णय लिया।
उन्हीं किसानों में से ‘ दीनू ‘ नाम का एक किसान था। जिसने अपनी खेती को करना नहीं छोड़ा। वह रोज अपने खेत जुताई करता, उसमें बीज बोता और अपने खेतों में काम करता रहता था। दीनू को खेत में काम करते हुए देख गांव के सारे किसान उसके उसका मजाक उड़ाने लगे।
कुछ महीनों बाद दिनू से गांव के लोगों ने उसके परिश्रम का कारण पूछा- “जब तुमको पता है कि 5 वर्षों तक वर्षा हो नहीं होने वाली है तो अपना समय और बल क्यों इस खेत में नष्ट कर रहे हो।”
तब दिनू ने बड़े ही शांत स्वर में कहा- “मेरे भाइयों! मुझे भी पता है कि 5 वर्षों तक वर्षा नहीं होने वाली है। लेकिन मैं यह काम आपने रोज के अभ्यास के लिए कर रहा हूं । अगर मैं 5 वर्षों तक खेत में काम नहीं करूंगा तो मैं खेती करना भूल जाऊंगा। मेरा शरीर थोड़े ही समय बाद थक जाने लगेगा। इसलिए मैं यह काम रोज करता हूं, ताकि जब 5 वर्षों बाद वर्षा हो तब मुझे अपने काम करने में कोई कठिनाई ना हो का सामना ना करना पड़े।”
दिनू की बात कैलाश पर्वत पर बैठी पार्वती मां भी सुन रही थी। उसकी बातें सुनने के बाद उन्होंने भगवान शिव से कहा- “अगर आप भी 5 वर्षों तक डमरु नहीं बजाएंगे , तो हो सकता है आप भी डमरु बजा ना भूल जाएं।”
माता पार्वती की ऐसी बातें सुनकर भगवान शिव को चिंता होने लगी। उन्होंने अपना डमरू उठाया और देखा कि वह बजा पा रहे हैं कि नहीं। जैसे ही भगवान शिव ने डमरू बजाना शुरू किया वैसे ही बारिश होने लगी।
दीनू जो अपने खेत में रोज काम कर रहा था। उसके खेत में खूब फसल उग आई। बाकी किसानों के पास पछताने के अलावा कुछ भी नहीं बचा था।
इसी प्रकार मेरे दोस्तों कॉरोना समय और लॉकडाउन दोनों कभी ना कभी खत्म होगा ही और सामान्य जीवन शुरू हो जाएगी। अगर हम घर में बैठे बैठे अपने आप को आराम देते रहेंगे तो कुछ समय बाद हमारा काम में मन ही नहीं लगेगा। इसलिए हमें अपने आपको छोटे बड़े कामों में व्यस्त रखना चाहिए, जिससे हमारी नियमितता बनी रहे।