बात बहुत पुरानी है एक किसान बाजार से एक तोता खरीद कर लाया और उसे पिंजरे में बंद करके रख दिया। पिंजरे में तोता बहुत परेशान व उदास रहा करता था । वह हमेशा उस पिंजरे से आजाद होकर जंगल में आजादी से रहना चाहता था , मगर वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पाता था। एक दिन किसान ने तोते को खाना देने के लिए पिंजड़े को ज्यों खोला, तुरंत तोता पिजड़े से बाहर निकल कर आसमान में उड़ गया और वह जंगल में चला गया। जंगल में वह खूब मजे से उड़ता था , फलों को खाता था और अपनी जिंदगी को आजादी से गुजार रहा था। एक दिन जब वह एक आम के पेड़ पर बैठकर आम खा रहा था तो उसने देखा की एक हाथी उसी पेड़ के नीचे सो रहा है। हाथी को सोता देख कर तोते के मन में शरारत सूझी। वह पेड़ से उतर कर हाथी के सर पर चोंच मार कर उड़ गया। जब हाथी की आंख खुली तो तोता जोर-जोर से उसका मजाक उड़ाने लगा । हाथी ने कुछ नहीं बोला और फिर सोने लगा । उसे सोता देख तोते ने फिर हाथी के सिर पर जाकर जोर से अपनी चोंच मार दी । इस प्रकार से जब हाथी सोने जाता , तोता उसके सिर पर चोट मार दिया करता था। तोते से परेशान होकर हाथी एक पास के ही तालाब में जाकर बैठ गया और अपनी सूंड में खूब पानी भर लिया। तालाब में हाथी को बैठा देख तोते ने वहां भी जाकर हाथी के सिर पर अपनी चोच से मार दिया । ज्यो तोता उसके सिर पर चोच मारा तुरंत हाथी ने अपने सूंड में भरे पानी को उस पर फेंक दिया। पानी की चोट से तोता तालाब में गिर गया और डूबने लगा। तोते को डूबता देख हाथी को दया गया उसने तोते को बाहर निकाला और वहां से चला गया ।
अब तोते को अपनी गलती का एहसास हो गया था वह अपने किये पर शर्मिंदा था । क्युकी हाथी को इतना परेशान करने के बाद भी उसने उसकी जान बचा दी।