एक गांव में ज्योति नाम की लड़की रहा करती थी। वह अपने पिता के साथ गांव में रहती थी। उसकी मां का देहांत बचपन में ही हो गया था। ज्योति जानवरों के प्रति बहुत ही ज्यादा सहानुभूति रखती थी।
ज्योति दिन भर घर का काम करती थी और अपने कॉलेज की पढ़ाई करती थी। एक दिन जब वह अपने कॉलेज की पढ़ाई करके घर वापस आ रही थी तो रास्ते में उसे एक कुत्ते का पिल्ला दिखाई दिया। उसके ऊपर किसी वाहन के चढ़ जाने से वह घायल हो गया था। राधा ने उसे बड़े ही प्यार से उठाकर घर ले आया आई और उसका मरहम पट्टी की। ज्योति को ऐसा करते हुए गांव के जमीदार के एक लड़के ने देखा और अपने पिता से जाकर ज्योति से विवाह करने की इच्छा जताई। जमीदार ने अपने लड़के की शादी ज्योति के साथ करवा दी।
ज्योति अपने साथ उस पिल्ले को भी लेकर अपने ससुराल गई। वह उस पिल्ले को रोज खाना खिलाया करती थी। यह बात उसकी सास को नहीं पसंद आ रही थी। धीरे-धीरे वह कुत्ते का पिल्ला बड़ा हो गया। उसकी सास हमेशा उस कुत्ते के पिल्ले को घर से भगाया करती थी। इस बात को लेकर ज्योति बहुत ही ज्यादा दुखी रहा करती थी।
एक दिन ज्योति ने अपने दुख का कारण अपने पति को बताया। उसके पति ने कहा -“अच्छा यही होगा कि तुम इसे बगल के एक पार्क में छोड़ आओ।”
ज्योति ने ऐसा ही किया। उस कुत्ते को अपने घर के बगल वाले पार्क में छोड़ दी। अब ज्योति रोज उसके लिए पार्क में खाना ले जाया करती थी । धीरे-धीरे पार्क के सारे कुत्ते ज्योति के अच्छे मित्र बन गए । ज्योति के पार्क में जाने पर भी उसकी सास उससे बहुत ही ज्यादा गुस्सा होती थी। एक दिन ज्योति को उसकी सास ने अपने घर से निकाल कर उसके घर पहुंचाने जा रही थी। रास्ते में कुछ चोरों ने ज्योति के सास के गहने छीनने लगे, तभी वहां पर सारे कुत्तों ने आकर उन चोरों पर हमला कर दिया। चोर वहां से गहने छोड़कर भाग गए। अब ज्योति की सास को एहसास हो गया कि कुत्ते कितने वफादार होते हैं । अब वह भी कुत्तों को रोज खाना खिलाया करने लगी और उनके साथ मित्रवत व्यवहार करने लगी।