रमेश अपने परिवार के साथ शहर में एक छोटे से घर में रहता था। उसकी कमाई अपने परिवार को चलाने में एक खर्च हुआ करती थी। एक दिन उसके घर पर उसकी मौसी मौसा और उनका एक छोटा सा लड़का आया।

घर पर आते ही उसके मौसा ने कहा -“यहां तो बहुत ही गर्मी है! किसी के कमरे में कूलर लगा है क्या?”

तब रमेश की मां ने कहा-” हां अभी कुछ दिन पहले रमेश ने अपने कमरे में कूलर लगवाया है!”

अब मौसा मौसी अपना सारा सामान लेकर रमेश के कमरे में चले गए और वहीं पर रहने लगे। धीरे-धीरे एक महीना बीत गया मगर मौसा मौसी और उनका शैतान बेटा घर छोड़कर जाने का नाम ही नहीं ले रहे थे ।

इस बात से दुखी रमेश की पत्नी ने रमेश से कहा -“तुम्हारे मौसी मौसा कब घर से जाएंगे?”

रमेश ने कहा-” मुझे तो नहीं पता लेकिन अब तक इन लोग को चले जाना चाहिए था! क्योंकि हमारी कमाई इतनी नहीं है । हम किसी तरह से अपने घर का ही खर्चा चला पाते हैं तो इन लोग का खर्चा कैसे चलाएंगे?”

अब रमेश की पत्नी ने उनको घर से निकालने के लिए एक उपाय बनाया। एक दिन रात के समय जब रमेश के मौसी मौसी छत पर बैठे थे, तभी उनका बेटा चिल्लाते हुए छत पर आया उसने कहा-” पापा नीचे चुड़ैल है!”

तभी वह चुड़ैल ऊपर आ गई। अब तीनों बहुत डर गए थे। चुड़ैल ने चिल्लाकर कहा – ” सबसे पहले मैं किसको खाऊं? जल्दी बताओ नहीं तो मै तीनों को खा जाऊंगी।”

यह सुनते ही मौसी मौसी और उनके बेटे घर से भागने लगे। अगले दिन उन्होंने अपना सारा सामान लेकर रमेश के घर से चले गए। रमेश ने जब यह अपनी पत्नी से पूछा कि आखिर चुड़ैल कहां से आई?

उसकी पत्नी ने कहा कि मैंने चुड़ैल का मुखौटा लगाकर उनको डराया। यह सुनकर रमेश और उसकी मां राहत भरी सांस ली क्योंकि उसके मौसी मौसी और उनका घर से जा चुका था ।

दोस्तों इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि किसी भी रिश्ता का नाजायज फायदा नहीं उठाना चाहिए। क्योंकि सभी की स्थिति परिस्थिति हमेशा एक तरह नहीं रहती।

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