एक बार की बात है एक राज्य का राजा अपने मंत्रियों से पूछा-“स्वर्ग धरती पर कहां है? कोई मुझे वहां पर ले जा सकता है क्या ?”

सभी मंत्री चुपचाप बैठे रहे कोई नहीं बोल रहा था। तभी राजा ने अपने महामंत्री से पूछा-” क्या तुम मुझे स्वर्ग दिखा सकते हो?” महामंत्री ने कहा-” जी महाराज! मगर मुझे इसके लिए 10000 सोने के सिक्के और 6 महीने की मोहलत चाहिए।”

राजा ने कहा ‘ठीक है!’ और महामंत्री को 10000 सोने के सिक्के दे दिए और कहा 6 महीने बाद अगर तुम मुझे स्वर्ग नहीं दिखाएं तब मैं तुमको मौत की सजा दे दूंगा। महामंत्री ने कहा- “ठीक है जैसी आपकी इच्छा!”

धीरे-धीरे 6 महीने बीत गए। महामंत्री दरबार में आया, राजा ने पूछा-” क्या तुमने स्वर्ग का पता लगा लिया है?”

महामंत्री ने कहा- “जी महाराज! चलिए मेरे साथ !” राजा और उसके कुछ सैनिक उस महामंत्री के साथ चल दिए। राज्य से कुछ दूरी पर पहुंचने पर एक बहुत ही शांत जगह आ गई, जहां पर चारों तरफ रंग-बिरंगे पेड़ पौधे और फूल खिले थे, बगल में ही एक नदी बह रही थी , चिड़िया मधुर आवाज में गाना गा रही थी। वहां पर इतनी शांति थी की हवा की हल्की सी झोका भी बिल्कुल साफ साफ सुनाई दे रही थी। राजा वहां जाकर बहुत खुश हुआ उसने महामंत्री से कहा-” महामंत्री! यह सब तो ठीक है! मगर स्वर्ग कहां है?”

तब महामंत्री ने जवाब दिया- “महाराज यही धरती का स्वर्ग है!”

यह कहते हुए महामंत्री ने एक बहुत ही स्वादिष्ट फल राजा को खाने के लिए दिया। राजा उस फल को खाते ही मंत्रमुग्ध हो गया। राजा ने कहा-” सचमुच यह जगह स्वर्ग के जैसी ही है!”

एक बार फिर राजा ने महामंत्री से पूछा-” तुमने 10000 सोने के सिक्कों का क्या किया?”

तब महामंत्री ने जवाब दिया- “महाराज! मैंने इसी तरह के पेड़, पौधे, फल, फूल के ढेर सारे बीज खरीदे हैं! जो मैं पूरे राज्य में लगवा दूं। जिससे हमारा पूरा राज्य इसी तरह स्वर्ग की तरह दिखने लगेगा।”

यह सुनकर राजा बहुत ही खुश हुआ उसने महामंत्री को 10000 और सोने की मोहर इनाम में दिया।

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