एक बार की बात है सुबह सुबह अकबर को बहुत तेज प्यास लगी थी। उसने अपने नौकरों को पानी लेकर आने के लिए कई बार बुलाया, मगर उस समय अकबर के कमरे में कोई मौजूद नहीं था और किसी ने पानी नहीं लाया। अकबर की बात एक सफाई करने वाले ने सुनी और जल्दी से पानी लेकर अकबर के पास आया। अकबर ने उस पानी को पिया और अपनी प्यास बुझाई।

शाम होते होते अकबर की तबीयत खराब हो गई। राजवैद्य के दवा देने के बाद भी अकबर की तबीयत सही नहीं हुई। अकबर के दरबार के एक पंडित ने बताया कि “उनको किसी मनहूस व्यक्ति की छाया लग गई है।”

तब अकबर को याद आया कि सुबह-सुबह उससे एक सफाई करने वाले के हाथ से पानी पी लिया था। शायद उसी के कारण उसकी तबीयत खराब हो गई। अकबर ने अपने सैनिकों को आदेश देकर सफाई करने वाले को मौत की सजा सुना दी।

यह बात जब बीरबल को पता चला तब उसने अकबर से कहा-” महाराज! मैं आपको राज्य के सबसे मनहूस व्यक्ति से मिलवा सकता हूं जो सफाई वाले से भी ज्यादा मनहूस है।”

अकबर ने कहा-” ठीक है मिलवाओ!”

तब बीरबल ने हंसते हुए कहा-” महाराज! आप ही राज्य के सबसे मनहूस व्यक्ति हैं क्योंकि आपसे मिलने के कारण उस सफाई करने वाले को मौत की सजा मिल गई है। अगर आप से वह सुबह सुबह ना मिलता तो शायद उसको आज मौत की सजा नहीं मिलती।”

यह बात सुनकर अकबर को अपनी गलती का एहसास हो गया। उसने सफाई करने वाले को कैद से आजाद कर दिया और अपना अच्छे से इलाज करवा कर ठीक हो गया।

इस तरह से बीरबल के न्याय के कारण उस सफाई वाले की जान बच गई। सफाई वाले ने बीरबल का धन्यवाद किया और अपने काम पर चला गया।

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