बहुत पुरानी बात है, एक जंगल में एक बहुत ही घमंडी से रहा करता था। उसे अपने बल का इतना घमंड था कि वह बेवजह छोटे- बड़े जानवरों को मारा करता था। उसकी इस हरकत से पूरे जंगल के जानवर बहुत ही परेशान रहा करते थे और अपनी जान बचाकर एधर उधर छुप कर जीवन व्यतीत करते थे। क्युकी उस शेर के आगे उनकी एक भी ना चलती थी। जो भी उस घमंडी शेर से टकराने की कोशिश करता , उसे वह शेर जान से मार डाला करता था।

एक बार की बात है, एक हिरण अपने दो बच्चों के साथ जंगल में घास खा रहा था। अचानक वह घमंडी शेर आया और हिरण के दोनों बच्चों को मारकर खाने लगा। यह देखकर हिरण बहुत ही रोया और उसने उस शेर से कहा – तरह से तुम अपने बल का दुरुपयोग करके निर्दोषों की जान लिए हो ! एक दिन ऐसा आएगा कि तुम गिड़गिड़ाते रहोगे मगर तुम्हारी कोई मदद नहीं करेगा। यह सुनकर घमंडी शेर को बहुत ही गुस्सा आया और उसने उस हिरण को भी मार डाला।

हिरण और उसके बच्चे को मार कर शेर अपनी गुफा की तरफ जा रहा था कि रास्ते में शिकारियों द्वारा बनाए गए एक गड्ढे में अचानक वह गिर गया। अब शेर जोर-जोर से मदद के लिए चीखने लगा।

उस गड्ढे के किनारे बहुत सारे जानवर इकट्ठा हुए मगर उस घमंडी शेर के व्यवहार से सब वाकिफ थे। किसी ने उस शेर की मदद नहीं किया और सब जानवर हंसते हुए वहां से चले गए।

 

अगले दिन शिकारी वहां पर आए और शेर को जाल में फंसा कर के शहर में लेकर चले गए और उस शेर को मार कर उसके खाल और मांस को बाजार में बेच दिए।

अगर शेर, जंगल के जानवरों के साथ हिंसक व्यवहार ना करता तो शायद सभी जानवर मिलकर उसे गड्ढे से निकाल देते हैं और उसकी जान बच जाती है। मगर उसके घमंड ने उसकी जान ले ली । अब शेर के मर जाने से उस जंगल के जानवर बहुत ही खुश रहने लगे और खुलकर जंगल में घूमने लगे।

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