एक शराबी जो की बहुत ही ज्यादा पीता था | उसके पीने की वजह से उसका घर बर्बाद हो रहा था , घर के सभी लोग उससे बहुत जी ज्यादा परेसान थे | एक दिन उसको किसी आदमी ने एक संत के बारे मे बताया और बोला उनके पास जाओ वो तुम्हारी शराब को छुरा देंगे | वह अगले दिन सुबह उस संत के पास पंहुचा और बोला बाबा मे अपनी शराब से बहुत ही परेसान हो गया हु , इसकी वजह से मेरा घर बर्बाद हो जा रहा है और मे कुछ कर नहीं पा रहा हु | संत ने बोला – तुम ये शराब छोड़ क्यों नहीं देते जब तुम को इतनी परेसानी है | वह बोला मे तो शराब को छोड़ना चाहता हु लेकिन ये मुझको नहीं छोड़ती है | उसकी इस बात को सुनकर संत जी ने बोला कल सुबह को आना तुम , तभी बात करूँगा |
अगले दिन सुबह – सुबह वह संत के पास पहुच गया , उसको अपनी तरफ आता देख बाबा ने एक पेड़ को जाकर जल्दी से पकड़ लिया | जब वह बाबा जी के पास पंहुचा तो उनको देखा की वो एक पेड़ को पकड़ कर खड़े है | शराबी ने संत को बाबा बोल कर नमस्कार किया और बोला आप यह क्या कर रहे हो , तो बाबा ने जबाब दिया – ये पेड़ मुझको छोड़ नहीं रहा है | यह सुनकर वह शराबी चौक गया और बोला बाबा आज मैंने पी नहीं रखी है , आप ने पेड़ को पकड़ रखा है मैंने नहीं | उसकी बात को सुनकर संत ने मुस्कुराया और बोला मे तुम को यही बताना चाहता था की पेड़ ने नहीं मैंने उसको पकड़ रखा है , इसी तरह शराब ने तुम को नहीं तुम ने शराब को पकड़ रखा है | सराबी की आँखे खुल गयी और वह बोला आज के बाद कभी भी शराब को हाथ नहीं लगाऊंगा|
दोस्तों इस कहानी से हम लोगो को यही सीख मिलती है की कोई भी बुरा काम छोड़ा जा सकता है | आप लोगो को यह कहानी कैसी लगी कमेंट बॉक्स मे जाकर जरूर बताये |