एक छोटा सा लड़का स्कूल से घर आ रहा था , रास्ते मई कुछ डाकू उसको मिल गए | डाकू वो ने कहा जो भी तुम्हारे पास है हम को दे दो |
उस बालक के पास कुछ भी नहीं था , वह डाकू वो से बोल मेरे पास तो कुछ भी नहीं है | सिर्फ पहने हुआ कपडा और बुक्स है | डाकूवो ने कहा बुक्स तो हमारे काम की नहीं फिर भी इसको हमें दे दो , इनको बेचकर हम को कुछ तो मिलेगा |
डाकू वो ने उस बालक से बुक्स छीन ली , बेचारा बालक मुंह लटकाकर चल दिया | जब वह कुछ दूर चला गया तो उसको याद आया की बुक्स उनके भी किसी काम की नहीं है | चलो मे दुबारा मांग कर देख लु , सायद वो दे ही दे |
बालक दौडता हुआ उनके पास जा पंहुचा और बोला , ये बुक्स आप लोगो के किसी काम की नहीं है कृपया यह मुझको दे दो |
इस बात को सुनकर वो लोग जोर -जोर से हसने लगे , एक डाकू ने बोला तुम बुक्स लेने आया है अगर हम न दे तो |
बालक ने कहा तो मे लेशन याद नहीं कर पाउँगा |
वो लोग फिर जोर-२ से हसने लगे और बोले कुछ चीज सुनकर भी याद की जा सकती है मगर तुम कुछ नहीं कर सकते | उसके बाद उन लोगो ने उसकी बुक्स वापस दे दिया , लेकिन बालक को डाकू वो की बात दिल मे चुभ रहा था और उसने उसी दिन से ठान लिया की बुक्स रटने से कुछ नहीं होता | वह हर चीज अपनी जुबान पर याद रखने लगा | आगे चलकर यही बालक साइंटिस्ट इमाम गजाली के नाम से प्रशिद्ध हुआ |