एक बार की बात है एक लोमड़ी बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच में किसी शिकार के लिए घूम रही थी। काफी घूमने के बाद उसको शिकार हाथ नहीं आया । अंत में वह हार मानकर अपने गुफा की तरह जाने लगी । रास्ते में उसने बर्फ में फंसे एक चूहे को देखा वह उसके पास गई और उसे खाने के लिए बर्फ से निकाली । मगर चूहे की मासूमियत भरे चेहरे को देखकर लोमड़ी को दया आ गया और उसने उस चूहे को छोड़ दिया। चूहा भाग कर दूर जाने लगा, आचनक आसमान में उड़ रहे एक बाज की नजर उस चूहे पर पड़ी और उसे खाने के लिए उस पर झपट पड़ा। यह देखकर लोमड़ी को बहुत ही गुस्सा आया उसने दौड़ कर उस चूहे को बाज की चुंगल से छुड़ाया ।
अब चूहा भी समझ गया था कि लोमड़ी उसे मारना नहीं चाहती है बल्कि उसकी मदद कर रही है। यह सोच कर चूहा , लोमड़ी के साथ ही रहने लगा और दोनों मैं गहरी दोस्ती हो गई । दोस्ती इस प्रकार बढ़ गई कि जहां भी चूहा जाता और उसे कोई खतरा होता तो लोमड़ी उसे बचा लिया करती। इस तरह से दोनों की दोस्ती बढ़ती चली गई दोनों एक साथ रहते , एक साथ खेलते और एक साथ शिकार करने जाते।