आधुनिक भारत के महान चिंतक समाज सुधारक महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 में टंकारा नामक स्थान गुजरात में हुआ था। इनके पिता का नाम अंबाशंकर और माता का नाम अमृतबाई था।
चलिए जानते हैं कि कुछ अनमोल विचारों को-
विचार 1: दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए और आपके पास सर्वश्रेष्ठ लौटकर आएगा।
विचार 2: कोई मूल्य तब मूल्यवान है, जब मूल्य का मूल्य स्वयं के लिए मूल्यवान हो।
विचार 3: अज्ञानी होना गलत नहीं है, अज्ञानी बने रहना गलत है।
विचार 4: धन एक वस्तु है जो इमानदारी और न्याय से कमाई जाती है। इसका विपरीत है अधर्म का खजाना।
विचार 5: काम करने से पहले सोचना बुद्धिमानी, काम करते हुए सोचना सतर्कता और काम करने के बाद सूचना मूर्खता है।
विचार 6: नुकसान से निपटने में सबसे जरूरी चीज है, उससे मिलने वाले सबक को ना भूलना। वह आपको सही मायने में विजेता बनाता है।
विचार 7: भगवान का ना कोई रूप है, ना रंग है। वह अविनाशी और अपार है, जो भी इस दुनिया में दिखता है वह उसकी महानता का वर्णन करता है।
विचार 8: यश और कीर्ति ऐसी विभूतियां हैं, जो मनुष्य को संसार के माया जाल से निकलने में सबसे बड़ी अवरोधक है।
विचार 9: सत्यासत्य का निर्णय करने के लिए परस्पर वैर विरोध कर छोड़कर संवाद करना विद्वानों का कर्तव्य है।
विचार 10: मनुष्य का जन्म इसलिए होता है कि उसे पता चले क्या सही है और क्या गलत ना कि धर्म के नाम पर लड़ने के लिए।
विचार 11: सबसे उच्च कोर्ट की सेवा ऐसे व्यक्ति की मदद करना है जो बदले में आपको धन्यवाद कहने में असमर्थ हो।
विचार 12: मनुष्य के अंदर की कामवासना उसकी विवेक शक्ति को नष्ट कर देती है और मनुष्य को धीरे धीरे पतन की ओर ले जाती है।
विचार 13: क्षमा करना सबकी बस की बात नहीं, क्योंकि मनुष्य को बहुत बड़ा बना देता है।
विचार 14: इंसान को किसी से भी ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए क्योंकि ईर्ष्या इंसान को अंदर ही अंदर जलाती रहती है और पथ से भटका कर पथ को भ्रष्ट कर देती है।
विचार 15: अगर किसी इंसान के मन में शांति है, ध्यान में प्रसन्नता है और हृदय में खुशी है। तो अवश्य ही यह उसके अच्छे कर्मों का फल है।
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