1-जीवन के विकाश के लिए अभिमान का त्याग परम आवस्यक है | अभिमान से प्यार का अन्त होता है और जीवन सरल हो जाता है | हरदेव सिंह जी महाराज
2-संयम और त्याग के रस्ते से ही शांति और आनंद तक पंहुचा जा सकता है |
3- जो न कभी हरसित होता है और न द्विष् करता है न शोक करता है वह भक्त परमात्मा को अधिक प्रिय होता है |
4- केवल निस्पक्ष और ईमानदार लोगो के काम मधुर सुगंध देते है और फूल के सामान खिलते है|
5- असहाय अवस्था मे प्रार्थना के अतिरिक्त और कोई उपाए नहीं है |
6- आचरण दर्पण के समान है , जिस मे हर आदमी अपना प्रतिबिंब दिखता है |
7- कुरीति के अधीन होना कायरता है , उसका विरोध करना पुरुसार्थ है |
8- आत्मा कुछ न कुछ जरूर कहती है , उसकी सलाह मानना तुम्हारा धर्म है |
9- ज्ञान गहरे सागर के समान है , जीतना खर्च करोगे उतना ही बढ़ेगा |