एक गांव में एक धोबी रहा करता था। उसके पास एक कुत्ता और एक गधा था। धोबी कुत्ते को घर की रखवाली के लिए घर पर छोड़ देता और गधे की पीठ पर कपड़ा लादकर उसे नदी में धोने ले जाया करता था। धोबी सुबह शाम गधे और कुत्ते को खाना खिलाया करता था। क्योंकि कुत्ता घर पर रहता था और गधे को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी इसलिए गधा, कुत्ते से बहुत जलने लगा था और उसने मन ही मन एक ही योजना बनाई और घर से भाग गया।
घर से भागने के बाद गधा जहां भी जाता उसे बच्चे डंडा मारा करते थे और अगर गलती से वह किसी के खेत में घास चरने लगता तो खेत का मालिक उसे दौड़ा-दौड़ा कर खूब मारते थे। गधा परेशान हो गया था और उदास होकर सड़क पर जा रहा था। अचानक उसे एक मरे हुए शेर का खाल मिल गया। गधे ने शेर की खाल को ओढ़ लिया और एक खेत में जाकर चरने लगा। ग्रामीणों ने जब उसे देखा तो उनको लगा कि शेर आ गया और वह सभी भाग खड़े हुए। अब गधा किसी के भी खेत में जाकर अच्छे सारा फसल पेट भर कर खाता था। धीरे – धीरे कुछ ही दिनों में गधा मोटा तगड़ा हो गया।
एक दिन की बात है। गधा एक खेत में फसल को खा रहा था, उसी खेत के बगल में एक दूसरा गधा अचानक रेंगने लगा। उसके रंगने की आवाज को सुनकर शेर की खाल को ओढ़ा हुआ गधा भी मस्ती में रंगने लगा और झूम झूम कर नाचने लगा। नाचते वक्त उसके पीठ से शेर का खाल जमीन पर गिर गया। ग्रामीणों ने जब देखा कि यह तो शेर की खाल ओढ़कर गधा था तो उन्होंने लठ उठाकर उस गधे की खूब पिटाई की।
ग्रामीणों की मार से गधा बेहोश हो गया । जब उसे होश आया तो वह अपनी गलती पर पछताना लगा और वापस उसी धोबी के घर चला गया।