दोस्तों यह कहानी पढ़कर आप की आँखों मे अंशु आ जायेगा |
हम बात कर रहे है श्रीकांत बोला की जो की जन्म से ही अंधे है , उनके जन्म लेते ही सारे गावों वालों ने बोला यह बिना आँख का लड़का है जो बुढ़ापे में अपने माँ – बाप की परेसानी बन जायेगा | श्रीकांत बोला का जन्म आंध्र प्रदेश के एक छोटे से कसबे में हुवा था | वक्त बीतता चला गया और यह बालक बड़ा होने लगा , एक दिन श्रीकांत के पिता जी ने उनका एडमिशन अपने गांवों के प्राइमरी स्कूल मे करा दिया , लेकिन देख न पाने की वजह से श्रीकांत स्कूल मे सही से पढ़ नहीं पाते थे | जब श्रीकांत थोरे और बड़े हो गए तो उनके पिता जी उनको अपने साथ खेतो मे लेकर जाने लगे , लेकिन वहाँ भी वह कुछ नहीं कर पाते थे , क्युकी उनको दिखाई नहीं दे रहा था | उनके पिता ने सोचा हो सकता है यह पढ़ाई मे कुछ अच्छा करे , उन्होंने श्रीकांत का एडमिशन नेत्रहीन स्कूल मे कराया | यहाँ पर इस बालक का मन पढ़ाई मे लगने लगा और वह अपने क्लास का टोपर बन गया | यहाँ पर पढ़ाई करते हुए श्रीकांत को अब्दुल कलाम जी के साथ काम करने का भी मौका मिला | अंधे होने की वजह से इंटरमीडिएट में उनको साइंस सब्जेक्ट नहीं मिल रहा था , इस बालक ने अकेले सरकार के खिलाफ लड़ता रहा और अंत में बोर्ड ने साइंस सब्जेक्ट से पढने की इजाजत दे दी | श्रीकांत ने दिन रात मेहनत करके इंटरमीडिएट मे 98 परसेंट मार्क्स लाकर सबको हैरान कर दिया |
इसके बाद श्रीकांत ने अभी IIT मे एडमिशन के लिए अप्लाई किया लेकिन सबने मना कर दिया |इसके बाद श्रीकांत ने इन्टरनेट से पता लगाया और अमेरिका के कुछ कॉलेज में अप्लाई किया , यहाँ पर चार कॉलेज ने उनका एप्लीकेशन एक्सेप्ट कर लिया और उन्होंने ने MIT कॉलेज से ग्रेजुएट हुए | अमेरिका में उनको करोडो का जॉब ऑफर हुवा , लेकिन श्रीकांत भारत वापस आ गए और अपने जैसे लोगो की मदद करने लगे | यहाँ पर श्रीकान्त ने तीन हज़ार से जायदा लोगो के मदद की , लेकिन उनको लगा की इनलोगों के रोज की जरुरत कैसे पुरी होगे | इसके बाद श्रीकांत ने बौलेंट इंडस्ट्रीज का नीव डाला , आज इस कंपनी का सालाना टर्न ओवर 50 करोर से ज्यादा है |
बौलेंट इंडस्ट्रीज को रतन टाटा फिनान्स देते है , इस कंपनी में आज काम करने वाला हर आदमी ब्लाइंड नहीं है | एक टाइम ऐसा था जब श्रीकांत के पिता की सालाना कमाई बेश हजार रुपया थी , लेकिन श्रीकांत ने अपने मेहनत से सबकुछ बदल दिया |इसलिय बोला जाता है की दुनिया माय कोई भी काम नामुमकीन नहीं है बस आप की काम के प्रती लगन होनी चाहिए | आज श्रीकांत बौलेंट इंडस्ट्रीज के मालिक है , जो अपने आप में एक मिसाल है | आप लोगो को श्रीकांत की कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताये |