रोहित एक बहुत ही गरीब परिवार से संबंध रखता था। वह कक्षा पांचवी का विद्यार्थी था । पढ़ाई में होनहार होने
के साथ साथ वह काफी ईमानदार भी था। वह अपना सारा काम बहुत ही ईमानदारी से करता था और किसी तरह की के गलत काम को नहीं करता था। वह रोज अपना कार्य खुद ही पूरा करके विद्यालय जाता था और उसके अध्यापक भी उससे बहुत खुश रहा करते थे।
एक दिन की बात है, स्कूल के अध्यापक ने गणित के पांच सवाल को हल करके लाने के लिए सभी विद्यार्थियों को कहा। रोहित चार सवालों को सही सही लगा दिया। मगर पांचवे सवाल में कुछ मुश्किल आ रही थी, तो उसने अपने मित्र सौरव का सहारा लिया और उस पांचवे सवाल को भी हल कर दिया।
अगले दिन अध्यापक ने सभी बच्चों की कॉपी को चेक किया। सभी बच्चों में से सिर्फ रोहित के सारे सवाल सही थे। जिससे खुश होकर के अध्यापक ने रोहित को एक सुंदर सा पेन इनाम में दिया ।
मगर यह क्या ? रोहित इनाम ना लेकर के जोर जोर से रोने लगा। अध्यापक ने रोहित से उसके रोने का कारण पूछा तो रोहित ने बताया की उसने सिर्फ चार सवाल सही किए हैं बाकी एक सवाल अपने मित्र सौरव का सहारा लेकर लगाया है।
रोहित की बातें सुनकर अध्यापक बहुत ही खुश हुए और बोलें कि यह पेन अब मैं तुम्हें तुम्हारी ईमानदारी के लिए दे रहा हूं। तुम एक बहुत ही ईमानदार और साफ दिल के बच्चे हो। आगे चलकर तुम एक बहुत ही सफल और ईमानदार व्यक्ति बनोगे। रोहित की इमानदारी को देख कर सारे बच्चों ने उसके सम्मान में खूब तालियां बजाई।