एक समय की बात है, एक बार एक प्रोफेसर क्लास रूम में जाता है | और सभी विद्यार्थियों से बोलता है बच्चो आज आप सभी का सरप्राइज टेस्ट है सरप्राइज टेस्ट के बारे में सुन कर सभी बच्चे घबरा जाते है | तभी प्रोफेसर ने सभी बच्चों के डेस्क पर क्वेश्चन पेपर को उल्टा करके रख देते है, बच्चों जबतक मैं न कहूँ कोई भी क्वेश्चन पेपर को कोई भी नहीं देखेगा, क्लास के सारे बच्चो ने ऐसा ही किया सभी बच्चों के डेस्क पर क्वेश्चन पेपर रखने के बाद प्रोफेसर ने कहा ठीक है बच्चों अब आपका सरप्राइज टेस्ट शुरू होता है | अब आप क्वेश्चन पेपर को देख सकते है सभी बच्चों ने जब अपना अपना क्वेश्चन पेपर देखा तो सब हैरान हो गए क्यूंकि वहाँ कोई क्वेश्चन था ही नहीं, क्वेश्चन पेपर के बीचो बीच एक काला बिंदु था , बच्चों को कुछ समझ नहीं आया
बच्चों ने कहा सर क्वेश्चन पेपर पर कोई भी क्वेश्चन नहीं है बस एक कला बिंदु है, सर इसका क्या मतलब है, प्रोफेसर मुस्कुराते हुए कहा बच्चो यही आपका सरप्राइज टेस्ट है |
इस पेपर में जो कुछ दिखाई दे रहा है उसके बारे में लिखना है तुम्हे सब बच्चें कन्फ्यूज्ड थे और क्वेश्चन पेपर को बड़े ध्यान से देख रहे थे, उन्हें समझ में नहीं आ रहा था क्या लिखे जैसे तैसे सभी बच्चों ने कुछ न कुछ लिखा जो उन्हें समझ में आ रहा था | टेस्ट खत्म होने के बाद प्रोफेसर ने सभी बच्चों के आंसर शीट ले लिए और बरी बरी से सभी के जबाब पढ़ने लगे प्रोफेसर ने पाया की उसी काली बिंदु के बारे में सभी ने लिखा था, बच्चों आप सभी इस टेस्ट में फेल हो गए हो ये सुनकर सभी बच्चे हैरान हो गए |
और बड़े ही आश्चर्य से प्रोफेसर की तरफ देखने लगे फिर प्रोफेसर ने कहा क्योंकि बच्चो यह एक पोस्टिव थिंकिंग का टेस्ट था | आप लोगो के पास एक पेपर था जिले बीचो बीच एक छोटा सा कला बिंदु था, उस पेपर से सफ़ेद भाग के ऊपर किसी का ध्यान नहीं गया सभी का ध्यान उस काळा बिंदु के ऊपर गया और सभी ने उस काले बिंदु के बारे में ही लिखा है | बच्चों यही चीज़ हम अपने जीवन में करते है, हमारा जीवन भी इस सरप्राइज टेस्ट के कागज की तरह है जिसमे हमारा फोकस उस छोटे इ काले बिंदु पर है | जीवन के असफलताओ और परेशानियों पर ही होता है हमारा फोकस कभी भी कागज के सफेद भाग अर्थात भगवान ने जो हमें लाखो अच्छी चीजें दिया है उस पर कभी नहीं जाता बच्चों इसका यह मतलब नहीं की हमें समस्याओ को नजर अंदाज कर देना चाहिए बल्कि हमें अपने जीवन का सफ़ेद भाग अथवा सकारात्मक भाग को अपने ध्यान में रखकर हर समस्या का समाधान हमें डटकर करना चाहिए | और जीवन की सभी समस्याओ को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए और मुश्किल से मुश्किल आई हुई समस्या का समाधान निडर होकर करना चाहिए |