एक गांव में एक किसान रहता था। उसने अपने खेत में फसल की बुवाई कर दी। उसी खेत में एक चिड़िया आकर अपना घोंसला बना दी। कुछ दिन बाद उस चिड़िया ने घोंसले में अंडे दिए। अंडे देने की कुछ दिन बाद उन अंडों से बच्चे निकल गए।
धीरे-धीरे उस किसान का फसल भी तैयार हो गया अब फसल की की कटाई का समय आ गया था। एक दिन किसान खेत में आया और बोला-” मैं कुछ आदमियों को अपने खेत की कटाई के लिए कल भेज दूंगा, जो सारे फसल को काटकर मेरे घर ला देंगे!”
इस बात को सुनकर चिड़िया के बच्चे परेशान हो गए मगर चिड़िया ने अपने बच्चों से कहा-” मत बच्चों! कल यह फसल नहीं कटेगी।”
अगले दिन चिड़िया की बात सही हुई। फसल नहीं कटी। किसान फिर खेत में आया और उसने कहा-” मैं अपने कुछ दोस्तों को कल भेज कर फसल को पक्का कटवा दूंगा!”
अब किसान की बातें सुनकर चिड़िया के बच्चे फिर डर गए और चिड़िया से बोले -” अब हमे खेत छोड़कर जाना पड़ेगा!”
चिड़िया ने बोला -” कोई बात नहीं कल भी हमें खेत छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा।”
अगले दिन उस किसान के दोस्त खेत की कटाई के लिए नहीं है। किसान शाम को खेत में फिर आया और कहा-” अब कल मैं खुद आऊंगा अपने खेत की कटाई करने के लिए!”
यह सुनते ही चिड़िया अपने बच्चों से बोली-” बच्चों अब हमें खेत छोड़कर जाना पड़ेगा।”
तब बच्चों ने चिड़िया से पूछा – “आप इतने विश्वास के साथ कैसे कर सकती हैं कि हमें खेत छोड़कर जाना पड़ेगा?”
तब चिड़िया ने कहा-” पहले किसान दूसरों पर निर्भर था इसलिए उसका कार्य सही समय पर नहीं हुआ! लेकिन अब वह खुद ही अपना काम करेगा और सही समय पर कर लेगा।”
इस तरह से उसी रात चिड़िया और उसके बच्चे उस खेत को छोड़ कर चले गए।
दोस्तों इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमें अपना कार्य खुद ही करना चाहिए, दूसरों पर निर्भर रहकर हमें सिर्फ धोखा ही मिलता है।
किसान और चिड़िया की कहानी बहुत मस्त लगी सर । ऐसे ही लिखते रहिए