दिनेश और संगीता एक दूसरे से बहुत ही प्यार करते थे और एक दूसरे के साथ पूरी जिन्दगी जीना चाहते थे | दोनों पढ़े लिखे थे और दोनों की जात भी एक थी , इसलिए दोनों ने कुक साल बाद शादी कर ली | दोनों एक दूसरे से इतना प्यार करते थे की एक पल भी एक दूसरे से दूर नहीं रह सकते थे | संगीता बहुत ही खूबसूरत थी , इसलिए दिनेश उससे और भी प्यार करता था |वक्त बीतता गया और एक दिन संगीता को चर्म रोग हो गया , अब वह पहले की तरह सुन्दर नहीं लगती थी | वह मन ही मन यही सोचती थी कब दिनेश मुझसे प्यार नहीं करेगा , लेकिन दिनेश तब भी उससे बहुत ही प्यार करता था | एक दिन दिनेश ऑफिस से घर आ रहा था और रस्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया और उसने संगीता को बता दिया की वह अब देख नहीं सकता है |
यह सुनकर संगीता बहुत ही दुखित हुई और खूब रोने लगी , लेकिन दिनेश ने उसको समझाया की इसमे रोने की बात क्या है | में तुम को पहले से भी ज्यादा प्यार करूँगा और अब मुझको तुम्हारा चर्म रोग भी नहीं दिखेगा |
अब दोनों एक साथ रहते और बहुत ही ज्यादा खुश रहते थे , एक दिन संगीता की तबियत बहुत ही खराब हो गयी और वह हमेशा के लिए यह दुनिया छोड़ कर चली गयी | दिनेश खूब रोया और रो – रो कर बीमार हो गया , लेकिन जब वह ठीक हो गया तो फिर से सब कुछ देखने लगा | तभी उसका एक दोस्त मिला और पूछा अरे भाई तुम तो अंधे हो गए थे न फिर कैसे सही हो गए | दिनेश की आँखे नम थी उसने बोला में अँधा नहीं था ,में अपनी पत्नी के लिए यह ड्रामा कर रहा था | जब उसको चर्म रोग हो गया था तब उसको लगता था की वह अब पहले की तरह सुन्दर नहीं है , इस बात से वह बहुत ही उदाश रहती थी , इसलिए मैंने सोचा क्यों न में अँधा बन जाऊ ताकि वह हमेशा खुश रहे | में जानता था की वह अब जी नहीं पाएगी इसलिए उसकी खुशियों के लिए यह सब करना पड़ा |
दोस्तों इस कहानी से में तो यही बोलूंगा की सब लोगो को दिनेश जैसा अच्छा पति और संगीता जैसी पत्नी मिले |