\एक दिन एक राजा के दरबार में एक जादूगर आया वह दरबार में तरह-तरह की जादू दिखा रहा था और लोगों का मन मोह रहा था। उसके जादू से दरबार के सभी लोग बहुत ही प्रसन्न हो रहे थे। लेकिन वह जादूगर बहुत ही घमंडी था। उसे अपने जादू पर बहुत ही ज्यादा घमंड था। वह दरबार में कह रहा था कि “जादू कुछ नहीं होता है सिर्फ हाथों की सफाई का खेल होता है! क्या मुझे कोई पकड़ सकता है?”

दरबार में सभी लोग उसे देखते ही रह गए, किसी ने हामी नहीं भरी। घमंडी जादूगर ने कहा-” मैं एक बत्तख को उसके ऊपर चादर रखकर उसे अंडे में बदल दे रहा हूं। अगर कोई पता लगा सके कि मैंने यह कैसे किया है तो मैं जादूगर करना छोड़ दूंगा।”

उसने बत्तख के ऊपर एक चादर रखी और उसे उठा लिया अब बत्तख अंडा बन चुका था। यह देख कर सारे दरबार के लोग हैरान रह गए। वह एक बार फिर अंडे पर चादर डाला और उसे हटाया चादर हटाने के बाद अंडा सोने के सिक्के में बदल गया।

जादूगर ने कहा-” इस दरबार में है कोई माई का लाल है, जो मेरे हाथ की सफाई को पकड़ सके। किसी की नजर अगर तेज हो तो बताए। मैं सोने के सिक्के को हवा में उछाल कर गायब कर सकता हूं और उसने ऐसा ही किया”

उसके घमंड को देखकर राजा के पास बैठे महामंत्री ने कहा-” यह सब तो ठीक है लेकिन मैं जो बंद आंख से कर सकता हूं वह तुम खुली आंख से नहीं कर सकते!”

घमंडी जादूगर ने कहा-” अगर ऐसी बात है, अगर मैं नहीं कर पाऊंगा तो मैं तुम्हारा गुलाम हो जाऊंगा अगर मैं कर लिया तो तुमको अपना गुलाम बना लूंगा!”

मंत्री ने कहा-” ठीक है!”

कुछ देर बाद मंत्री ने अपना आंख बंद करके उसके ऊपर मिर्ची का पाउडर डाल दिया फिर अपनी आंख खोल दिया। मंत्री ने कहा- ” अब तुम ये अपनी खुली आंख से करके दिखाओ!”

जादूगर घबरा गया और सोचने लगा कि “अगर मैं खुली आंखों में मिर्ची डालूंगा तो मेरी आंखें खराब हो जाएंगी और अगर नहीं डाला तो मुझे महामंत्री का गुलाम बनना पड़ेगा!”

उसे समझ में आ गया था कि वह नहीं कर सकता और उसे अब महामंत्री का गुलाम बनना पड़ेगा। घमंडी जादूगर ने महामंत्री से माफी मांगी और महामंत्री से प्रार्थना किया उसे गुलाम ना बनाया जाए।

मंत्री ने कहा-” मैंने ऐसा तुमको गुलाम बनाने के लिए नहीं किया, बल्कि तुम को सबक सिखाने के लिए किया। तुम जादूगर हो अपना जादू दिखाओ, लेकिन लोगों को अपने घमंड का शिकार मत बनाओ। अपने आप को सबसे बड़ा मत समझो क्योंकि जब कोई तुम्हारा जादू देखेगा तभी तुम्हारी कमाई होगी अतः तुमको अपना घमंड करना छोड़ देना चाहिए।”

यह सुनकर घमंडी जादूगर ने कभी भी घमंड ना करने की कसम खाई और महामंत्री से माफी मांग कर चला गया।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published.