बहुत समय की बात है मोहनपुर गाँव में एक मछुआरा रामू और उसकी पत्नी विमला रहती थी विमला बहुत लड़ाकू औरत थी, वह दिन रात अपने पति रामू से लड़ा करती थी वह अमीर होना चाहती थी लेकिन रामू मछुआरा क्या करे वह हर रोज एक तालाब के पास जाता था |और मछलियाँ पकड़ता था और फिर पास वाले गाँव में जाकर मछलियों को बेचता था लेकिन उसका ये काम सही से नहीं चलता था उसकी बहुत कम मछलियाँ बिकती थी, और जब वह मछलियों को बेचकर घर जाता तो उसकी बीबी उससे लड़ने लगती और बोलती अगर तुम्हारा ऐसा ही चलता रहा तो मै यहां एक दिन भी नहीं रहूंगी, लाओ क्या लाये हो बाजार से मछली आज मै तुम्हे ये उबली हुई मछली खिलाऊंगी क्योकि घर में सब सामान खत्म हो गया है , रामू मछुआरा अपने बीबी से बहुत परेशान हो गए था |
अगली सुबह फिर रामू मछली पकड़ने के लिए तालाब के किनारे गया लेकिन ये क्या आज उसे एक भी मछलिया नहीं मिली वह खाली हाथ घर की तफर निकल गया वह रास्तें में यह सोच रहा था आज में विमला को क्या बोलूंगा वह डरते – डरते घर की तरफ निकल गया जब वह घर पहुंचा तो उसकी पत्नी उसका खाली हाथ देखकर बोला क्या हुआ आज भी कुछ कमाई नहीं हुई बेचारा मछुआरा डरते हुए बोला विमल आज तो तालाब में एक भी मछलियाँ नहीं मिली लगता हैं तालाब की सारी मछलियाँ ख़त्म हो गयी है | क्योकि वहां गाँव के सारे लोग मछली पकड़ने उसी तालाब में जाते है |विमला रामू से लड़ते हुए बोलती है क्या गाँव में वही एक तालाब है और भी होंगे गाँव के किनारे तालाब, रामू बोलता हा है ,एक तालाब गाँव के किनारे लेकिन वह एक श्रापित तालाब है तभी विमला बोलती है तो क्या हुआ वो श्रापित तालाब है वहा तो और भी कोई नहीं जाता होगा जरा सोचो वहा कितनी सारी मछलियाँ होंगी मछुआरा बेचारा अब क्या करता अपनी पत्नी की बात उसे जो माननी थी| अगली सुबह मछुआरा श्रापित तालाब के किनारे मछली पकड़ने गया लेकिन उसे वहाँ भी एक मछली मिली पूरे दिन वह मछली के इन्तजार में बैठा रहा, लेकिन उसको बस एक ही मछली मिली |
रामू एक मछली लेकर बाजार की तरफ बेचने को निकल गया जैसे ही मछली बेचने के लिए चिल्लाया वहाँ कुछ आदमी इकठ्ठा हो गए और एक आदमी बोला कौन लेगा तुम्हारा मछली तुम तो उस श्रापित तालाब से मछली पकड़ कर लाये हो, कोई तुम्हारी मछली नहीं खरीदेगा , बेचारा मछुआरा उस मछली को लेकर घर की तरफ निकल गया , विमला फिर उसको खाली हाँथ देखकर उससे लड़ने लगती है और उस एक मछली को लेकर चली जाती है रसोई घर में जैसे ही विमला उस मछली को काटती है, वह जोर से चिल्लाने लगती है और वह रामू को बुलाने लगती है रामू भागता – भागता उसके पास आता है और बोलता है |क्यों इतना चिल्ला रही हो भाग्यवान तभी विमला बोलती है देखो मछली के पेट में से यह सोने का अंडा निकला है यह सब देखकर दोनों बहुत खुश हो जाते है विमला बोलती है तुम इसको ले जाकर बाजार में बेच दो उसके बाद हमलोगो के पास पैसा ही पैसा होगा ,रामू मछुआरा उस सोने के अंडे को लेकर बाजार चला गया बेचने को जब वह घर पंहुचा और अपनी पत्नी से बोला देखो भाग्यवान आज में क्या लाया हूँ आज हम लोग अच्छा खाना खायेंगे ये लो आज तुम अच्छा सा मटन बनाओ विमला मटन बनाती है दोनों खाना खाकर सो जाते है, अगली सुबह विमला रामू को मछली पकड़ने के लिए भेजती है और बोलती है अगर आज भी हमें सोने का अंडा देने वाली मछली मिल जाये तो कितना अच्छा होगा हम लोग सोने का अंडा बेचार अमीर हो जायेंगे हमारे पास भी बड़ा सा घर होगा नौकर होंगे गाड़ी होगी यह सब सुनकर मछुआरा फिर से उस श्रापित तालाब के पास मछली पकड़ने चला जाता हैं और उसे फिर एक मछली मिलती है वह एक मछली लिए घर चला जाता है विमला ने जब मछली को कटा फिर उसमे से एक सोने का अंडा निकला यह सब देखकर दोनों झूम उठे, अब तो रामू रोजाना उस तालाब के किनारे जाता और मछली पकड़ कर घर लाता था धीरे – धीरे वे बहुत अमीर हो गए उनके पास घर, गाड़ी, नौकर सब हो हो गए थे, कुछ समय बाद विमला परेशान सी लग रही थी और उसने रामू से बोली मुझे और भी अमीर बनाना है मै इस दुनिया की सबसे अमीर औरत कहलाऊ रामू बोलता है विमला इतना लालच सही नहीं है लेकिन विमला कहा मानने वाली थी वह रामू से बोलती है क्यों न हम लोग एक साथ ही सारी मछलियों को पकड़ ले विमला की इस जिद्दा पर रामू मान जाता है दोनों मछली पकड़ने के लिए तालाब के पास पहुंचते है और धीरे -धीरे वह तालाब का सारा पानी निकल देते है लेकिन उन्हें एक भी मछली नहीं मिलती दोनों यह सब देखकर चौक जाते है थोड़ी देर बाद उस तालाब में धीरे धीरे पानी भरने लगता है और दोनों पति पत्नी डूबने लगते है रामू अपनी पत्नी से बोलता है देखा विमला लालच करेने का बुरा नतीजा
दोनों उस तालाब में डूब जाते है और उनकी मृत्यु हो जाती है
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