काजल अपने घर की सबसे सुंदर लड़की थी ,सुंदरता ही नहीं ब्लकि उसमे सारे गुण भी थे पढ़ाई से लेकर घर के सारे काम वह जानती थी और जो उसके हाथो का खाना खा लेता था वह उंगलिया चाटते रह जाता था और तारीफों के पुल बाध देता थे काजल अपने घर वालो के आँखों का तारा थी, उसको सब बहुत प्यार करते थे | धीरे धीरे काजल का स्वभाव बदलने लगा लोगो ने तारीफों से उसे इतना चढ़ा दिया था कि उसे हर बात का घमंड होने लगा वह अपनी तारीफों और सुंदरता में इतना खो गयी थी की वह सबमे कमी निकलने लगी और सब उसके आगे नासमझ लगने लगे | अब वह सीधे मुँह किसी से बात नहीं करती थी और अपनी सुंदरता के कारण किसी के पास बैठती भी नहीं थी अगर कोई उसके पास जाता था तो वो वह से चली जाती थी | कुछ समय बाद उसके मम्मी पापा ने उसकी शादी तय कर दी  सुंदरता और गुणों के कारण उसे बहुत ही अच्छा परिवार भी मिल गया , शादी के बाद उसने अपने पति सचिन को अपने मोहजाल में फसा लिया था और बाकियो से बात करना भी जरुरी नहीं समझती थी  न तो किसी के पास बैठती थी न ही घर का कोई काम करती थी बस अपने कमरे में सारा दिन पड़ी रहती थी 

और न तो किसी की बात सुनती थी कुछ कहने पर वह जवाब देकर चली जाती थी 

घर वाले भी उससे परेशान होने लगे थे उन्होंने सचिन से उसे समझाने को कहा लेकिन वह अपने बीबी के मोहजाल में फसा था, वह अपनी बीबी को क्या समझाता | अब काजल भी अपने पति सचिन के साथ जॉब पर जाने लगी और सचिन से कह कर अपने लिए एक गाड़ी भी ले ली | अब वह उसी से रोजाना जॉब पे जाया करती थी एक दिन जब वह अपने काम से वापस लोट रही थी तभी उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और उसे हॉस्पिटल में होश आया , जिस चेहरे पर उसे घमंड था अब वह चेहरा चोट से भरा था हाथ पैर की हड्डियां भी टूट गयी थी और वह कुछ भी करने में असमर्थ थी |

 जिस परिवार की वह कुछ समझती नहीं थी वही लोग बिना कुछ बोले ही उसकी सेवा में दिन रात लगे रहते थे और सचिन भी उसकी तरफ नहीं देखते थे यह सब देखकर काजल को बहुत रोना आया वह रोये जा रही थी, सासु माँ ने उसे बहुत समझाया कि सब थी हो जायेगा लेकिन वह गए ही जा रही थी चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी इसलिए वह नहीं रो रही थी की उसका चेहरा ख़राब हो गया है बल्कि इसलिए रो रही थी कि आज उसका घमंड टूट गया था जिसपर वह नाज करती थी वह समझ गयी थी असली सुंदरता चेहरे से नहीं बल्कि दिल से होती थी अब वह पूरी तरह से समझ गयी थी और वह अब पहले जैसी बन गयी अब सबसे बैठ कर बाते भी करने लगी और सबके साथ अच्छा व्यव्हार करने लगी |

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