पूरे गाँव में हल्ला मचा हुआ था | मोहन की बेटी राधा डॉक्टर बनकर लौटी थी पूरा गाँव उसे देखने उमड़ पड़ा था, सब की जुबान पर एक ही नाम था मोहन की बेटी डॉक्टर बन गयी| सब बहुत खुश थे राधा ने तो गाँव का नाम रोशन कर दिया , और गाँव की पंचायत पर उसका सम्मान किया गया, मेरे प्यारे गाँव वालो मोहन की बेटी हम सबके लिए एक उदाहरण है, यह हम सबके हमारे विरुद्ध जाकर पढाई ही नहीं बल्किं इसने तो गाँव का नाम रोशन किया है |तभी राधा बोलती है धन्यवाद सरपंच साहब मैं जानती हूँ हमारे गाँव में लड़कियों का ज्यादा पड़ना सही नहीं माना जाता है | लेकिन आज मै डॉक्टर बनाने के बाद यह महसूस कर रही हु की हम सबको अपने गाँव की लड़कियों को पढ़ना चाहिए | तभी वहा खड़ा हुआ मोहन बोला आज से 6 साल पहले जब मैंने अपनी बेटी को पढ़ने के लिए शहर भेजा था |तब मुझे सब ने गाँव से बाहर निकल दिया था | आज देखो मेरी बेटी राधा कितनी बड़ी डॉक्टर बन गयी है | लेकिन आज भी गाँव के कुछ लोगो को जलन हो रही थी , क्योकि उनकी नजरो में राधा का डॉक्टर बनाना खटक रहा था | उसी गाँव में एक रामपाल नाम का आदमी था , वह बहुत ही धनी आदमी था उसके पास रुपयों और पैसो की कोई कमी नहीं थी |
उसकी एक बेटी थी जिसका नाम रीना था | वह पढ़ना चाहती थी , लेकिन रामपाल की सोच की वजह से वह आगे पढाई नहीं कर पा रही थी | तभी रामपाल ने कहा सरपंच साहब ये जो आप बढ़- चढ़ कर राधा की तारीफ कर रहे है न – देखना एक दिन ये गाँव का नाम मिट्टी में मिला देगी , क्यों मेरे प्यारे गाँव वालो वही कुछ लोगो ने रामपाल का साथ दिया और कुछ लोगो ने मोहन का साथ दिया कुछ लोगो ने तो यह भी बोला कि बेटियों को इतना पढ़ाना सही नहीं है , बेटियाँ तो घर का काम करते हुए अच्छी लगती है न की पढ़ते हुए , हम लोगो को मोहन और राधा की बातो में नहीं आना है तभी गाँव के सरपंच बोले ये तुम क्या कह रहे हो , राधा पढ़ लिखकर डॉक्टर बन गयी है | ये गाँव में रहकर हम लोगो का इलाज करेगी ये तो बहुत ख़ुशी की बात है | तभी रामपाल बोलता है ध्यान रखना सरपंच साहब और मोहन तू भी कही राधा गाँव वालो का इलाज करते- करते कुछ और भी न कर बैठे, इतना कहते ही गाँव के सभी लोग धीरे – धीरे अपने अपने घर को जाने लगे , घर जाते ही रामपाल की बेटी बोली पिता जी मै भी पढाई करना चाहती हूँ मैं भी पढ़ – लिखकर डॉक्टर बनाना चाहते हूँ , इतना सुनते ही रामपाल आग बबूला हो गया , और बोला देखो लड़कियों को ज्यादा पढाई शोभा नहीं देती | वह तो घर का काम करते हुए अच्छी लगती है , तुझे पढाई करने की कोई जरुरत नहीं है दस तक तूने बहुत पढ़ा है | रामपाल के वह से जाते ही रीना राधा के क्लिनिक पहुंची और राधा को अपनी सारी बात बताई , और बोला राधा दीदी में भी डॉक्टर बनाना चाहती हूँ ,
आप मेरी मदद करो न राधा ने कहा देखो रीना मैं तुम्हारी मदद जरूर करुँगी, सबसे पहले तुम्हे ग्यारवीं और बारहवी की पढाई करनी होगी और उसके साथ – साथ मेडिकल की भी तैयारी करनी होगी , लेकिन तुम कैसे पढ़ पाओगी तुम्हे रात में ही पढाई करनी होगी | वो भी चुपके से तुम्हारे पिता को ये बात नहीं पता होनी चाहिए | और अगर रही परीक्षा दिलाने की बात तो, मैं हु मैं तुम्हे ले जाऊंगी परीक्षा दिलाने ,रीना ने बोला दीदी मैं जरूर पढूंगी , सुबह तो मेरे पिता जी खेत के लिए निकल जाते है और शाम में लोट कर आते है और माँ घर के कामो में बिजी रहती है | ऐसे ही दिन बिताते चले गए रीना दिन – रात मन लगाके पढ़ने लगी , रीना को पढ़ते – पढ़ते दो साल हो गए लेकिन उसकी पढाई की खबर उसके पिता जी को न थी | एक दिन की बात है रीना की परीक्षा का दिन आ गया राधा ने रीना को गाँव से शहर की तरफ उसे परीक्षा दिलाने ले गयी |तभी गाँव में हल्ला हो गया की रामपाल की लड़की राधा से साथ भाग गयी , रामपाल को जब यह खबर मिली तो वह भागता हुआ सरपंच के पास पहुंचा और बोला उस राधा ने मेरी लड़की को पता नहीं कहा ले गयी है | मैंने पहले ही कहा था ये लड़की कुछ न कुछ जरूर करेगी | ये सब मोहन की लड़की की वजह से हुआ है, मैंने कहा था ये लड़की कुछ न कुछ जरूर करेगी देखा आज उसने क्या किया –
सुबह से शाम हो गयी सब राधा और रीना का इंतजार कर रहे थे तभी शाम की बस से राधा और रीना उतरे , रामपाल ने राधा को फटकार लगाई और बोला- कहा ले गयी थी मेरी बेटी को तभी राधा बोलती है | काका में रीना को मेडिकल की परीक्षा दिलाने ले गयी थी और रीना का पेपर बहुत ही अच्छा गया है रीना आप से छिपकर पढाई किया करती थी , वह बहुत ही जल्दी मेरी तरह डॉक्टर बन जाएगी आपको तो खुश होना चाहिये, रामपाल गुस्से में मोहन तू अपनी बेटी को समझा ले ये मेरी बेटी से दूर रहे , अब तो मैं इसकी शादी 10 दिन में ही कर दूंगा | चल रीना यहाँ से- रामपाल ने रीना की शादी तय कर दी शादी के बस दो ही दिन बचे थे तभी राधा रामपाल के घर जाती है , रामपाल उसे देखते ही बोलता है तुम यहाँ क्यों आयी हो तुम यहाँ से चली जाओ | राधा कहती है काका ये देखिये मेरे हाथ में क्या है | रीना पूरे देश में पहला स्थान लाया है रीन मेडिकल की परीक्षा में पास हो गयी उसे राज्य सरकार द्वारा उसे सम्मानित किया जाएगा, रीना मेरी तरह डॉक्टर बन गयी है ये सब सुनते ही रामपाल ने उस पेपर को पढ़ा और वह बहुत खुश हो गया और बोला क्या मेरी बेटी डॉक्टर बन गयी है | वह राधा से माफ़ी माँगा और कहा राधा बेटा मुझे माफ़ कर दो मैंने तुझे गलत समझा अब मैं चाहता हूँ ,हम सबको अपनी अपनी बेटियों को पढ़ना चाहिए अब मेरी पहली वाली सोच नहीं है अब मेरी सोच बदल गयी है |
इस तरह धीरे – धीरे उस गाँव के लोगो ने अपनी – अपनी सोच बदल दिया सबने अपनी लड़कियों को पढ़ना शुरू कर दिया | ऐसी रीना जैसी बहुत सी लड़कियों ने अपना सपना पूरा किया |
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