नेहा और सुमित एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे वह एक दूसरे के बिना नहीं रह पा रहे थे| सुमित नेहा से शादी करना चाहता था , लेकिन नेहा बहुत गरीब परिवार से थी वह डरती थी की सुनित के घर वाले इस शादी से इंकार न कर दे सुमित ने अपने घर वालो को शादी के लिए मना लिया , और कुछ समय बाद नेहा और सुमित की शादी हो गयी , सुमित ने शादी वाले दिन नेहा से प्रॉमिस किया की मैं तुम्हारे जीवन भर साथ रहूँगा लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था , कुछ समय बीतने के बाद नेहा के दो बच्चे हुए , रानी और राजू , वह अपने जीवन में बहुत खुश थे , लेकिन एक दिन ऐसा हुआ सुमित ऑफिस से घर आ रहा था , तभी एक ट्रक से उसका एक्सीडेंट हो गया | और सुमित इस दुनिया की छोड़ कर चला गया , सुमित के जाने के बाद नेहा बहुत अकेली हो गयी , जो प्यार ससुराल में मिलता था वो भी कम हो गया , और नेहा की सास बार-बार उसे ताने देने लगी बेचारी नेहा पर तो दुखो का पहाड़ ही टूट गया था ,
एक दिन ऐसा आया की नेहा की सास ने नेहा को घर से बाहर निकल दिया , और नेहा अपने बच्चो को लेकर अपने ससुराल से चली जाती है , बेचारी नेहा अब जाये कहा तभी उसने फैसल किया की अब वो अपने बच्चो को अकेले ही पालेगी , नेहा एक ऐसी दुनिया में गयी जहा वो सबसे अनजान थी , उसका कोई साथ देने वाला नहीं था नेहा को खाना बनाने का बहुत शोक था , उसने फैसल किया की वह घर -घर जाके खाना बनाएगी और अपने बच्चो का पेट पालेगी , वह बच्चो को लेकर काम की तलाश में निकली लेकिन उसे काम नहीं मिला , वह बहुत उदास हो गयी और रोने लगी तभी एक महिला वहा से जा रही थी उसने उससे रोने का कारण पूछा नेहा ने उसको सारी बात बताई , उस महिला ने नेहा को अपने साथ अपने घर ले आई , नेहा और नेहा के बच्चो को पानी और खाना खिलाया और नेहा से बोली आज से तुम खाना मेरे यह बनाओगी और यही रहोगी उस महिला की बात सुन कर नेहा बहुत खुश हो गयी और वो वह रहकर खाना बनाने का जॉब करने लगी , और उसके बच्चे स्कूल भी जाने लगे , नेहा अपने बच्चो के साथ खुशी – ख़ुशी रहने लगी
श्रापित तालाब और लालची मछुआरें की कहानी
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