साउथ अफ्रीका और अमरीका के गर्म और सघन जंगलो मे चाखोलटक प्रजाति के पेड़ पाए जाते है | इन पेड़ो मे छ माह तक फूल खीलते है और फूलो से बड़ी- बड़ी फलिया निकलती है , इन फलियो मे कई बीज रहते है | गर्मियो मे या दाने पक जाते है ,तब फलियो को तोर कर दानो को सलीके से निकाला जाता है | इन दानो को आधुनिक फॅक्ट्रीयो मे पहुचया जाता है , जहा बड़े -बड़े ओवन् मे इनको पकाया जाता है|इसके बाद इन्हे मिलकर हार्ड लिक्विड मे बदल दिया जाता है |इस हार्ड लिक्विड को मीठा बनाने के लिए इसमे चीनी , स्वाद और हेअल्थ के लिया भैश का दूध मिलया जाता है , और इस तरह चॉकलेट बनाया जाता है |
चॉकलेट का सबसे पहले पता लगाने वाले साइंटिस्ट सर डीआई थे , इन्होने 6 july 1807 को माक्सिको के घने जंगलो मे चाखोलटक प्रजाती की खोज की थी और पेड़ की फलियो का सात बर्ष तक रिसर्च किया था , सबसे पहले उन्होने अपने आइडिया से चॉकलेट बनाया लेकिन वह बन तो गया लेकिन मीठा कम रह गया | कुछ बरसो के बाद यानी 26 july 1813 मे साइंटिस्ट टारआन ने ईन फलियो के दानो को झाग मे बदल कर चॉकलेट बनाया|