एक किसान था। वह हीरे की खदान में काम करता था। उस खदान में बहुत सारे हीरे मिलते थे। जिससे खदान का मालिक बहुत ही ज्यादा अमीर हो गया था और देश दुनिया में उसका बहुत ही नाम था। उस किसान के मन में भी अमीर बनने का बहुत ही ज्यादा शौक था। जिसके कारण व खदान के बगल में स्थित अपने एक खेत को बेच कर हीरे की खदान की तलाश में पूरे देश में भटका, मगर उसे कहीं हीरे का खदान नहीं मिला। अंत में वह पागल होकर मर गया।
उस किसान का खेत एक दूसरे किसान ने खरीदा था। एक दिन जब वह किसान उस खेत में जुताई कर रहा था, तब उसे एक बड़ा सा चमकीला पत्थर मिला। चमकीले पत्थर को लेकर वह अपने घर आया। उस चमकीले पत्थर को किसान ने अपने घर में सजा दिया।
एक दिन उस किसान का मित्र उसके घर आया और उसने उस बड़े चमकीले पत्थर को देखा तो कहा-” यह पत्थर तुमको कहां मिला?”
उस किसान ने कहा -” यह पत्थर मुझे खेत की जुताई करते समय अपने खेत में मिला है जिसे मैं अभी हाल ही में खरीदा हूं।”
किसान के दोस्त ने कहा” यह तो हीरा लग रहा है!”
जब उन्होंने उस पत्थर की जांच करवाई तब वह सचमुच हीरा निकला। किसान अपने खेत में खुदाई करना चालू करवा दिया। जिसमें उसे एक बहुत ही बड़े हीरे का भंडार मिला और वह देखते ही देखते बहुत ही अमीर व्यक्ति बन गया। जबकि वह किसान जो उस खेत बेचकर हीरे की खदान की तलाश में इधर-उधर भटकता रहा उसने अगर अपने खेत में खुदाई की होती तो शायद वह हीरे की तलाश में दर-दर की ठोकरें खाकर अपनी जान नहीं गंवाता।
दोस्तों इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हम सफलता पाने के लिए और अच्छे अवसरों का तलाश करते करते इधर उधर भटकते रहते हैं हम अपने आसपास के अवसर को पहचान ही नहीं पाते या कोई महत्व नहीं दे पाती देते जो हमें आसानी से सफल बना सकती है।