रामपुर नगर में रजनी अपने दो भाई और दो भाभिओ के साथ रहती थी | वह जब 10 साल की थी, तभी उसके माता और पिता की मृत्यु एक कार एक्सीडेंट में हो जाती है रजनी के माता पिता उससे बहुत ज्यादा प्यार करते थे , वह चाहते थे रजनी बड़ी होकर आईपीएस अधिकारी बने रजनी अपने माता पिता का सपना पूरा करने के लिए वह दिन – रात पढ़ाई किया करती थी ,लेकिन ये सब रजनी के भाभियो को पसंद नहीं था वह उससे बहुत ही ज्यादे नफरत करती थी क्योकि रजनी एक किन्नर थी , एक दिन रजनी की दोनों भाभियो में अपने पति से कहा की रजनी की हम लोग शादी करा देते है कौन आगे चलकर इसकी जिम्मेदारियों को उठायेगा , ये बात सुनकर रजनी के भाइयो ने कहा शादी लेकिन तुम जानती हो न रजनी एक किन्नर है कौन करेगा उससे शादी तभी उसकी एक भाभी ने बोला मेरी नजर में एक लड़का है वह मजदूरी करता है वह इतना कमाता है की वह खा जी सकता है , तभी रजनी हॉल के पास खड़ी होकर सारी बाते सुन रही थी, वह अपने भाई के पास जाती है और बोलती है मैं शादी करने को तैयार हूँ ये सब सुनकर रजनी की भाभियाँ बहुत ज्यादा खुश हो गयी और वे सब रजनी की शादी एक मन्दिर में करा दिए, रजनी जब अपने ससुराल पहुंची तभी रजनी का पति रमेश उसके पास आया और रजनी का घुंघट ऊपर उठाया और जो उसने देखा वह देख कर दंग रह गया और जोर – जोर से चिल्लाकर वह अपनी माँ को बुलाया जब उसकी माँ उसके पास पहुंची तो वह भी देख कर दांग हो गयी रमेश में बोला माँ हमारे साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है यह एक किन्नर है और मेरी शादी एक किन्नर से हो गयी है ,
रमेश की माँ बोलती है क्या मेरा ही घर मिला था जो तुम्हारे भाइयो ने हमारे माथे मड दिया | तभी रजनी बोलती है मुझे माफ़ कर दीजिये मुझे लगा मेरे घरवालों ने मेरे किन्नर होने की बात बताई होगी इतना कहते हुए वो वहा से रोते हुए चली जाती है, तभी रमेश की माँ बोलती है बेटा भले ही हमारे साथ धोखा हुआ है लेकिन इस धोखे से हमारा भला हो सकता है मेरे पास एक तरकीब है तभी रमेश ने बोला क्या तरकीब है माँ वह बोली क्यों न हम रजनी का सौदा किन्नरों की सरदारनी से कर दिया इससे हमारा मुनाफा ही मुनाफा होगा रमेश बोला हाँ माँ तुम ठीक बोलती हो इतना कह कर वे दोनों वहा से चले जाते है अगले दिन सुबह को जोर जोर से दरवाजा पीटने की आवाज आ रही थी
रजनी अपने कमरे में सो रही थी दरवाजा पीटने की आवाज सुनकर वह उठती है और दरवाजा खोलती है और बोलती है आप लोग कौन हो तभी किन्नरों की सरदारनी बोलती है हम लोग किन्नर है ,और हम तुम्हे यहा से ले जाने आये है तुम्हारे घर वालो ने तुम्हारा सौदा किया है इतना सुनते ही वह सोचने लगी जब मेंरे पति और मेरी सासु माँ ने मेरा सौदा कर दिया है तो मैं इस घर में कैसे रह सकती हूँ उसके बाद रजनी उन किन्नरों के साथ चली जाती है और धीरे – धीरे वहा का रहन सहन तौर तरीके भी सीख जाती है एक दिन की बात है रजनी पैसा मांगने के लिए वह सड़क के किनारे एक गाड़ी के पास जाती है और वह पैसे मांगने लगती है लेकिन रजनी को पता नहीं था की गाड़ी के अंदर उसकी सहेली नीतू थी जब उसने रजनी को पैसा देने के लिए गाड़ी का शीशा खोला तो उसने कहा अरे रजनी तुमने मुझे पहचाना की नहीं रजनी ने बोला हाँ पहचान रही हूँ |
नीतू ने बोला तुम तो पहले बहुत बड़ी बड़ी बाते करती थी कि तुम बड़ी होकर आईपीएस अधिकारी बनोगी अब क्या हुआ सारे शौक पूरे हो गए अब तुम यह पैसे मांग रही हो इतना कहकर रजनी की पैसा देकर नीतू वह से चली जाती है रजनी वहा खड़ी होकर रोने लगती है तभी किन्नरों में से एक किन्नर सुधा उसके पास गयी और उसके रोने का कारण पूछा रजनी ने सारी बात सुधा किन्नर को बताई सुधा किन्नर बोली बेटा मत रोओ मैं तुमको पढ़ाऊंगी| समय बीतता चला गया रजनी दिन में पैसे मांगा करती थी और रात में पढ़ाई सुधा उसका पूरा ध्यान रखती थी और कुछ दिन बाद रजनी की परीक्षा हो गयी परीक्षा होने के बाद रजनी बहुत डरी हुई थी की वह आईपीएस की परीक्षा में पास हो पायेगी या नहीं सुधा किन्नर ने उसको बहुत समझाया और बोला सब अच्छा होगा फिर क्या कुछ समय बाद रिजल्ट भी आ गया और रजनी उस परीक्षा में पास हो गयी थी और वह एक आईपीएस अधिकारी बन गयी थी फिर वह किन्नरों की दुनिया से निकला कर आईपीएस की नौकरी करने लगी और साथ ही साथ किन्नरों का नाम भी रोशन किया यह सब देखकर सुधा बहुत खुश हुई | कुछ समय बाद रमेश और उसकी माँ को किसी काम से आईपीएस अधिकारी से मिलाना था |वह दोनो रजनी को अधिकारी के रूप में देख कर आश्चर्यचकित हो गए तभी रमेश ने बोला तुम आईपीएस अधिकारी बन गयी हो और तुमने मुझे पहचाना रजनी बोली हा बोलो किस काम से यह आये हो ,रमेश और उसकी माँ हिचकिचाते हुए अपनी समस्या बताते है रजनी उनकी मदद करती है और वे दोनों वह से चले जाते है और वह अपनी किये गए गलतिओ पर बहुत पछताते है और जब रजनी के भैया और भाभिओ को यह पता चलता है की रजनी आईपीएस अधिकारी बन गयी है तो उन्हें अपने किये पर बहुत पछतावा होता है |
जिन समाज ने उसके किन्नर होने पर उसका मजाक बनाया आज रजनी ने आईपीएस अधिकारी बन कर उन सभी का मुँह बंद कर दिया
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