दया के सागर न्यूटन की कहानी
संसार का हर बड़ा आदमी सदाचारी होता है ,सदाचारी आदमी कभी कोई ऐसा काम नही करता जिससे किसी को भी दुख पहुचे | न्यूटन , संसार के एक बहुत ही बड़े वैज्ञानिक थे |उन्होने एक कुत्ता पाल रखा था ,वे उस कुत्ते से बहुत प्यार करते थे | कुत्ता भी अपने मालिक से बहुत प्यार करता था , वह अपने मलिक पर जान देने को हॅमेसा रेडी रहता था |
एक रात न्यूटन महोद्य कुछ लिख रहे थे ,लिखने मे वो ध्यानमगन थे |एक उनकी लिखी बुक भी पास मे थी, वाहा पास मे मेज पर कुत्ता भी बैठा हुआ था उसके सामने एक मोमबती जल रही थी |
अचानक ही लिखते -लिखते न्यूटन जी कोई बात याद आ गयी और वो कुछ टाइम के लिए रूम से बाहर चले गये | उनके जाने के बाद कुत्ता अचानक हुई आहट से चोक कर भौंकने लगा , इस उठा- पटक मे मेज पर जल रहे मोमबती पास रखी बुक पर गिर पड़ी |मोमबति गिर जाने से बुक मे आग लग गयी और कुछ ही देर बाद पूरी बुक जल कर राख हो गयी |
न्यूटन को दूसरे ही दिन उस बुक को प्रेस मे छापने के लिए देना था , जब वह रूम मे आए और बुक को जला देख चौक गये , फिर नॉर्मल होकर कुर्सी पर बैठ कर लिखने लगे |
न्यूटन की जगह और कोई भी होता तो कुत्ते को जान से मार देता पर न्यूटन जी ने अपने कुत्ते को कुछ भी नही बोला , वह जानते थे की उनका बहुत बड़ा नुकसान हो गया है | लेकिन उन्होने मूक पीड़ा से पीड़ित अपने कुत्ते की आँखो मे आंशू देख कर प्यार से उस के सिर पर अपना हाथ फेरा |
दोस्तो न्यूटन जी मे दया कूट-कूट कर भरा था |