बहुत समय पहले की बात है एक नगर में लालू नाम का एक पेंटर रहता था। वह पेंट का काम करके अपने परिवार का भरण पोषण किया करता था। पेंट करके उसे बहुत ही कम पैसा मिलता था, जिससे उसका खर्च बड़ी मुश्किल से चलता था।

एक दिन एक जमीदार ने लालू को अपने घर बुलाया । जमीदार ने लालू से कहा-” मेरी एक नाव पेंट करनी है! क्या तुम कर सकते हो?”

लालू ने कहा-” हां बिल्कुल कर सकता हूं!”

जमीदार ने लालू से पेंट करने के पैसे पूछा। लालू ने कहा-” महाशय! आपके नाव पेंट करने के मैं 2000 रुपए लूंगा।”

जमीदार ने कहा-” ठीक है!” और उसे अपनी नाव को लालू को दिखाया। लालू अपने घर गया और घर से पेंट लाकर उस नाव को पेंट करने लगा। जब लालू नाव को पेंट कर रहा था, तब उसने देखा कि नाव में एक छेद है। जिसकी वजह से अगर नाव पानी में जाएगा, तो उसमें पानी भर जाएगा और वह डूब जाएगा। लालू ने उस नाव के छेद को भी ठीक करके उसे पूरा पेंट कर दिया।

अगले दिन लालू जमीदार से अपने पैसे लेने गया तो जमीदार के नौकर ने लालू से कहा-” अभी मालिक किसी काम से बाहर गए हैं, तुम कल आ कर पैसे ले लेना।”

जमीदार जब शाम को अपने घर आया तो अपने नौकर से अपनी पत्नी और बच्चों के बारे में पूछा। नौकर ने बताया आपकी पत्नी और बच्चे नाव में बैठकर नदी का सैर करने गए हैं। तभी जमीदार ने चिल्लाते हुए कहा-” क्या बात कर रहे हो! उस नाव में तो एक छेद था। जिसकी वजह से वह नाव डूब जाएगी। मै उसको ठीक ही करवाने वाला था।”

वह जमीदार काफी परेशान हो गया। मगर कुछ देर बाद उसकी पत्नी और बच्चे वापस उसके घर आ गए। उन्हें देखकर जमीदार हैरान रह गया।

अगले दिन जब लालू अपने पैसे लेने जमीदार के घर आया तब उसने उस छेद को भरने की बात कही। जमीदार लालू से बहुत खुश हुआ और लालू को उसकी ईमानदारी के कारण उसकी मजदूरी के साथ-साथ 4000 रुपए और इनाम के तौर पर दिया । इतने पैसे बाकर लालू बहुत ही खुश हुआ और वापस अपने काम पर चला गया। लालू की ईमानदारी की वजह से जमीदार की पत्नी और बच्चे सुरक्षित थे।

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