सीमा की शादी हो गई थी। वह अपने ससुराल में अपनी सास और पति के साथ रहती थी। उसकी सास का नाम देवकी था। देवकी बहुत ही खर्चीली औरत थी। वह सारे पैसों का इस्तेमाल बेफिजूल के खर्चों में करती थी। जब भी उसे पैसा मिलता तो वह अपने लिए कपड़े खरीद लेती थी और गहने खरीद लेती थी । इसी तरह से वह अपने पास कोई भी पैसा बचाकर नहीं रखती थी और बेफिजूल की खर्चों में सारा पैसा खर्च कर देती थी।
इस बात को लेकर सीमा बहुत परेशान रहती थी। एक दिन सीमा ने अपनी सास को 10000 रुपए दिए और कहा कि अगले दिन मैं इसे बैंक में जमा करूंगी। देवकी अपनी बहू के पैसों को लेकर बाजार गई और उनसे बहुत सारे कपड़े और श्रृंगार के सामान को खरीद ली। अगले दिन जब उसकी बहू ने पैसे मांगे तब देवकी ने कहा-” मैंने उसको खर्च कर दिए हैं!”
इस बात से सीमा बहुत परेशान हो गई। वह अपनी सास को पैसे बचत करने के लिए मना करना छोड़ दी। एक
दिन की बात है उसकी सास की तबीयत अचानक बहुत बिगड़ गई और शहर के डॉक्टरों ने उसे एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां पर उसके इलाज के लिए 300000 रुपए खर्च आने थे। सीमा के पति और सास ने सोचा कि इतना पैसा कहां से आएगा ।अब उसकी सास को एहसास हो गया था कि “अगर उसने पैसे बचाएं होती तो आज वह अपना इलाज अच्छे से करा लेती अब वह इतने पैसे कहां से लाए।”
तभी सीमा ने अपने पति को सारे पैसे ला कर दे दी। कुछ दिन बाद देवकी की तबीयत ठीक हो गई और वह अपने घर लौटकर आ गई। उसने अपनी बहू सीमा से पूछा-” तुमने इतने पैसे कहां से बचा कर रखे थे, मै तो सारे पैसे खर्च कर देती थीं।”
तब सीमा ने कहा-” मैंने पैसे आपको देने की वजह खुद ही रखना चालू कर दिया था और मैंने अपने खर्च के को कम कर दिया था । जिसकी वजह से मैं इतने सारे पैसे बचा पाई।”
अब उसकी सास को भी समझ में आ गया था कि पैसे खर्च करने से कितना घाटा होता है। उसकी सास ने भी अब पैसे बचाने चालू कर दिए। अब सीमा और उसकी सास देवकी खुशी खुशी अपने घर में रहने लगे। उनके घर में अब किसी भी चीज की कमी नहीं होती थी क्योंकि सास और बहू दोनों ही अब पैसे की बचत करने लगे थे।