एक समय की बात है , एक चूहा था और वह एक घर में रहता था , उसी घर में एक छोटी बच्ची भी थी | जिसका नाम राधा था , राधा की माँ सुधा थी जो की बड़ी मुश्किल से अपनी बेटी के लिए दूध ढूंढ कर लाती थी | एक दिन की बात है सुधा ने अपनी बेटी के लिए दूध रख कर काम करने लगी , चूहा को बहुत ही तेजी से भूख लगी थी वह चुपके से आया और सारा दूध पी गया | थोड़ी देर बाद जब राधा दूध के गिलास को उठाया तो उसने देखा की उसमे तो दूध ही नहीं है | वह जोर – जोर से रोने लगी , तभी उसकी माँ सुधा आ गयी और बोली किसने मेरी बेटी का दूध पी लिया अब मैं कहा से और दूध लाऊंगी |
यह सब सुनकर चूहा बहुत ही उदाश हो गया और दौर कर पास के दूध वाले ग्वाले के पास गया और बोला भाई थोड़ा दूध मिल जायेगा , राधा बहुत ही भूखी है और उसका दूध मैं पी गया | गवाला ने बोला भाई गाय आज कल दूध दे नहीं रही है , इसलिए मेरे पास तो दूध है ही नहीं | एक काम करो तुम गाय के पास जावो, चूहा तुरंत दौर कर गाय के पास गया और बोला आप तो दूध दे दो | गाय ने बोला दूध नहीं है मेरे पास , आज कल चारा ही नहीं मिल रहा है और सारी घास भी सुख गयी है | इस तरह सबसे लास्ट में चूहा नदी के पास गया और बोला इसका समाधान कैसे होगा | इसके बाद वही खड़ा पहाड़ बोला , सबसे पहले तुम ऐसे लोगो को इकठा करो जो तुम्हारे साथ काम कर सके | उसके बाद तुम उन लोगो के साथ मिलकर पेड़ लगावो , उसके बाद देखना सब सही हो जायेगा |
चूहा गया और बहुत सारे बच्चो को इकठा किया और उनके साथ पहले खूब दोस्ती किया और फिर उनके साथ मिलकर उसने खूब सारे पेड़ लगाया और कुछ टाइम के बाद जब पेड़ बड़े हो गए तो अपने आप ही खूब बारिश होने लगी और सब कुछ देखते ही देखते बदल गया | नदी में पानी आ या , घास हरी – भरी हो गयी और गाय अब दूध देने लगी , सब के घर में खूब सारा दूध होने लगा | अब चूहा को राधा की याद आयी तो वह उसके घर गया तो देखा सब बहुत ही खुश है और राधा भी नाच रही थी , यह देख चूहा भी नाचने लगा | चूहा को देख राधा ने उसको गले लगा लिया |
दोस्तों इस कहानी से हम लोगो को यही सीख मिलता है की पेड़ लगावो जीवन बचावो | कहानी को शेयर भी करे |