बहुत समय पहले की बात है एक बुढा आदमी हिमालय के पर्वत के पास रहता था , वह बहुत ही बड़ा ज्ञानी पुरुष था | सब लोग अपनी समस्या लेकर उसके पास आते थे | एक दिन एक औरत आयी और बोली बाबा मैरे पति मुझसे अब प्यार नहीं करते , आप के पास कोई जड़ी – बूटी हो तो दे दो |
बाबा ने कहा वह जड़ी – बूटी मे जबतक शेर की मूछ का एक बाल न मिला दू तबतक यह काम नहीं करता है | आप को मुझको शेर का एक बाल लाकर देना होगा | वह औरत बोली बाबा मे कुछ भी करके आप को शेर का बाल जरुर लाकर दूंगी |
वह पास के ही एक जंगल मे चली गयी और शेर को ढूढ़ना शुरू कर दिया | काफी टाइम के बाद उसको शेर दिखा , जब शेर ने उसको देखा तो वह उसको खाने के लिए दौर पड़ा | शेर को अपनी तरफ आता देख कर वह भाग गयी | लेकिन अगले दिन फिर वह शेर को खोजते हुए पहुच गयी और फिर शेर उसको देख कर गरजने लगा | यह सिलसिला महीनो तक चलता रहा और अंत मे अब शेर को आदत सी पड़ गयी और वह उस औरत को देख कर गरंजना बंद कर दिया | अब वह औरत शेर के लिए मांस भी लाने लगी , एक दिन वह जब शेर को मांश खीला रही थी तभी उसने उसके मूछ से एक बाल नोच लिया | वह बाल लेकर उस ज्ञानी बाबा के पास पहुच गयी और बोली बाबा अब तो जड़ी – बूटी दे दो मे शेर का बाल लेकर आयी हु |
बाबा ने बोला – बेटा जब तुम एक जंगल के जानवर को प्रेम से जीत कर उसके बाल ला सकती हो तो अपने पति को क्यों नहीं मना पा रही हो | प्यार से सबको जीता जा सकता है , अब वह औरत यह बात एकदम समझ गयी थी | वह बिना कुछ बोले बाबा के पास से चली आयी |
दोस्तों इस कहानी से हम लोगो को यही सीख मिलता है की प्रेम से सबको जीता जा सकता है |